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इस दो किलो घास से कई लीटर बढ़ जाएगा गाय-भैंस का दूध, छत पर भी उगा सकते हैं

अजोला (azolla grass) केवल दुधारू पशुओं के लिए ही नहीं बल्कि भेड़, मुर्गी, बकरी, सूअर, खरगोश आदि को भी खिलाया जा सकता है. जो किसान भाई-बहन इन पशुओं का पालन (dairy cattle) करते हैं, उन्हें अजोला से कई फायदे होंगे. इन पशुओं का वजन बढ़ेगा, अंडा उत्पादन बढ़ेगा जिससे किसानों की आय बढ़ेगी.

जिन किसान भाई-बहनों के पास अपने पशुओं के लिए हरे चारे की कमी है, वे अजोला घास (azolla grass) को आजमा सकते हैं. अजोला घास के रूप में इस्तेमाल होता है, लेकिन वह एक फर्न है. अजोला में कई चमकत्कारी गुण हैं जो पशुओं को निरोगी रखने के साथ उन्हें तंदुरुस्त रखते हैं. अजोला (azolla fern) में कई विशेषता हैं जो किसान भाई-बहनों को उनके पशुपालन (dairy cattle) को आसान और सुविधाजनक बनाता है. सबसे खास बात तो ये कि अजोला को उगाने के लिए किसी जमीन की जरूरत नहीं होती. किसान भाई-बहन को पशु चारा उगाने के लिए अपना कोई खेत एंगेज करने की जरूरत नहीं होगी. किसान उस तालाब या गड्ढे का उपयोग करते हुए अजोला घास उगा (azolla terrace farming) सकते हैं. यह अजोला हर तरह के हरे चारे से अधिक सेहतमंत और गुणकारी होगा.

अजोला घास उगाने के लिए किसी बड़े खेत की जरूरत नहीं पड़ती बल्कि घर की छत पर, किसी छोटे गड्ढे में या घर के पीछे आंगन में भी इसे उगा सकते हैं. इस अजोला में भरपूर मात्रा में विटामिन, मिनरल्स और प्रोटीन मिलता है. इससे पशुओं का स्वास्थ्य काफी बेहतर रहता है. अजोला ऐसी घास है जिसका उपयोग पशु आहार में प्रोटीन के रूप में किया जाता है. इसमें विटामिन ए, बी12 और वीटा कैरोटिन प्रचुर मात्रा में पाया जाता है. इसके अलावा कैल्शियम, फॉस्फोरस, पोटेशियम, कॉपर, मैग्नीशियम, मिनरल्स भी अधिकता में पाए जाते हैं.

पशुओं को अजोला (azolla grass) को भूसी के साथ या अकेले भी खिलाया जा सकता है. पशुओं को अजोला खिलाने के कई फायदे हैं जिनमें सबसे अहम है पशुओं के दूध उत्पादन में वृद्धि. जिन पशुओं को अजोला चारा खिलाया जाता है, उनका दूध उत्पादन तेजी से बढ़ता है. पशु को अजोला के जरिये प्रोटीन, विटामिन और मिनरल्स भरपूर मात्रा में मिल जाता है. अजोला (azolla fern) से पशुओं की शारीरिक बढ़वार अच्छी होती है. पशुओं की रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ती है.

अजोला के फायदे कई

जो किसान भाई-बहन अपने पशुओं को अजोला खिलाते हैं, उनका पशु आहार पर खर्च कम हो जाता है. पशुओं को हरा चारा न भी मिले तो अजोला एक बेहतरीन विकल्प साबित होता है. पशुओं को हरा चारा (azolla grass) नहीं मिलने से कभी-कभार वे जहरीली घास खा लेते हैं जिससे उनकी सेहत बिगड़ जाती है. शरीर में विटामिन और मिनरल्स की कमी हो जाती है. ऐसे में अजोला इन पशुओं के लिए दवा की खुराक के तौर पर काम करता है. अजोला पशुओं के दूध बढ़ाने के साथ उनका वजन भी बढ़ाता है. इससे किसानों की आय में बढ़ोतरी होती है.

अजोला केवल दुधारू पशुओं के लिए ही नहीं बल्कि भेड़, मुर्गी, बकरी, सूअर, खरगोश आदि को भी खिलाया जा सकता है. जो किसान भाई-बहन इन पशुओं का पालन (dairy cattle) करते हैं, उन्हें अजोला से कई फायदे होंगे. इन पशुओं का वजन बढ़ेगा, अंडा उत्पादन बढ़ेगा जिससे किसानों की आय बढ़ेगी.

अजोला में 25 परसेंट तक प्रोटीन होता है जिससे किसानों का दाने पर होने वाला खर्च बचता है. किसान अपने पशुओं को दाने में कंस्ट्रेट मिलाकर खिलाते हैं जिससे पशुओं को प्रोटीन मिलता है. किसान उसकी जगह पर अजोला (azolla fern) खिलाएं तो एक खुराक में दो किलो तक दाना बचाया जा सकता है. बड़े पशु को हर दिन दो किलो और छोटे पशु को 500 ग्राम अजोला खिलाने से उनकी सेहत तंदुरुस्त बनी रहती है. इससे पशु का दूध बढ़ेगा और उनका वजन भी बढ़ेगा.

कैसे उगाएं अजोला

अजोला उगाने के लिए किसान भाई-बहन अपने घर के आसपास आठ बाई दो का एक गड्ढा बना लें. उसमें प्लास्टिक की शीट सही ढंग से बिछा दें. उसके ऊपर मिट्टी की एक परत डालते हैं. इस गड्ढे में 16 किलो गोबर की खाद डालें. इसमें 48 ग्राम डीएपी डालना होगा क्योंकि अजोला (azolla farming) उगाने के लिए फॉस्फोरस देना बहुत जरूरी होता है. फिर उस गड्ढे में पानी डालकर दो से तीन दिन छोड़ देंगे. इसके बाद बाजार में अजोला का कल्चर मिलता है, जिसे खरीद कर उस गड्ढे में डाल देंगे. फिर उस गड्ढे में अजोला उगना शुरू हो जाएगा. अजोला को 25-30 डिग्री तापमान पर उगाया जाता है. हालांकि 15-20 डिग्री पर भी इसे उगाया जा सकता है.

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