ब्रेकिंग
छत्तीसगढ़ के कर्मचारियों को दीपावली गिफ्ट, 17-18 अक्टूबर को वेतन, दैनिक वेतनभोगियों को भी भुगतान जैसलमेर हादसा: 'मानक ताक पर रखकर बनी थी बस', जांच कमेटी ने माना- इमरजेंसी गेट के सामने लगाई गई थी सी... 'कांतारा चैप्टर 1' ने किया गर्दा! 15 दिन में वर्ल्डवाइड ₹679 करोड़ पार, विक्की कौशल की 'छावा' से महज... वेनेजुएला पर ऑपरेशन से तनाव: दक्षिणी कमान के प्रमुख एडमिरल होल्सी ने कार्यकाल से पहले दिया इस्तीफा, ... शेयर बाजार में धन वर्षा! सिर्फ 3 दिनों में निवेशकों की संपत्ति ₹9 लाख करोड़ बढ़ी, सेंसेक्स और निफ्टी... त्योहारी सीजन में सर्वर हुआ क्रैश: IRCTC डाउन होने से टिकट बुकिंग रुकी, यात्री बोले- घर कैसे जाएंगे? UP पुलिस को मिलेगी क्रिकेटरों जैसी फिटनेस! अब जवानों को पास करना होगा यो-यो टेस्ट, जानिए 20 मीटर की ... दिन में सोना अच्छा या बुरा? आयुर्वेद और आधुनिक विज्ञान क्या कहता है, किन लोगों को नहीं लेनी चाहिए 'द... प्रदूषण का 'खतरा' घर के अंदर भी! बढ़ते AQI से बचने के लिए एक्सपर्ट के 5 आसान उपाय, जानें कैसे रखें ह... शरीयत में बहुविवाह का नियम: क्या एक मुस्लिम पुरुष 4 पत्नियों के होते हुए 5वीं शादी कर सकता है? जानें...
महाराष्ट्र

ईडी के सामने अनिल देशमुख ने माना अधिकारियों के ट्रांसफर के लिए बनाया जाता था दबाव

नई दिल्ली । महाराष्ट्र के पूर्व गृह मंत्री अनिल देशमुख ने  ईडी के अधिकारियों को बताया कि राज्य मंत्री और शिवसेना नेता अनिल परब ने उन्हें एक लिस्ट दी थी, जिसमें उन अधिकारियों के नाम थे जिनका ट्रांसफर किया जाना था। उन्होंने कहा कि यह पूरी सूची अनाधिकारिक थी। अनिल देशमुख पिछले साल 2 नवंबर से न्यायिक हिरासत में हैं और मनी लॉन्ड्रिंग के मामले में ईडी उनसे पूछताछ कर रही है। जब देशमुख का दूसरा बयान रेकॉर्ड किया जा रहा था तो उनसे ट्रांसफर सूची के बारे में पूछा गया। देशमुख ने कन्फर्म किया कि महाराष्ट्र सरकार के मंत्री अनिल परब की तरफ से ही एक सूची मिली थी। इसके अलावा कोई लिस्ट नहीं दी गई। देशमुख ने बताया कि जो लिस्ट अनिल परब से मिली थी वह अनौपचारिक थी और इसपर किसी के भी हस्ताक्षर नहीं थे। उन्होंने कहा कि हो सकता है कि परब को यह सूची शिवसेना के विधायकों और पार्षदों से मिली हो जो कि उन्होंने मेरे पास भेज दी। ईडी ने देशमुख से पूछा कि क्या उस अनाधिकारिक सूची को ही आधिकारिक बना दिया गया? इस पर उन्होंने कहा, यह लिस्ट अडिशनल चीफ सेक्रटरी को सौंप दी गई थी और कहा गया था कि नियमों को ध्यान में रखते हुए जरूरी कदम उठाए जाएं। देशमुख ने यह भी दावा किया कि एसीएस होम से कहा गया था कि इस बारे में पुलिस एस्टेब्लिशमेंट बोर्ड से भी चर्चा की जाए और अगर नियमों का उल्लंघन हो रहा है तो इसे रिजेक्ट कर दिया जाए।  बता दें कि सचिन वझे ने आरोप लगाया था कि 10 डीसीपी का ट्रांसफर वापस लेने के लिए अनिल परब और देशमुख ने 20 करोड़ रुपये लिए थे। ये ट्रांसफर ऑर्डर पूर्व कमिश्नर ऑफ पुलिस परमबीर सिंह की तरफ से जारी किए गए थे।
 

Related Articles

Back to top button