यह तस्वीर पत्रकारिता के छात्रों के द्रोणाचार्य, उनके गुरु, उनके दोस्त और मार्गदर्शक प्रोफेसर पुष्पेंद्र पाल सिंह की है. छात्रों के बीच उर्फीयत पीपी सर और बाबा की थी. जैसे-जैसे लोग एमपी नगर प्रेस कॉम्पलेक्स स्थित माखनलाल चतर्वेदी राष्ट्रीय पत्रकारिता और संचार विश्वविद्यालय की ओर बढ़े. पीपी सर की कई तस्वीरों और उनके जीवन के विभिन्न आयामों को बताते बड़े-बड़े कटआउट, फ्लेक्स, बैनर और होर्डिंग्स से सड़कें सजी हुई मिलीं.ऐसा पहली बार था कि भोपाल में किसी नेता के अलावा किसी शिक्षक के लिए भी होर्डिंग्स से शहर पट गया हो. मंगलवार शाम विश्वविद्यालय परिसर में सिंह को श्रद्धांजलि देने के लिए भीड़ उमड़ पड़ी. उन्होंने सात मार्च 2023 को हार्टअटैक की वजह दुनिया को अलविदा कहा था.
परिजन, छात्र और साथी ही नहीं, वरन समाजसेवी, राजनेता, ब्यूरोक्रेट्स, साहित्यकर्मीं समेत आमजन भी बड़ी संख्या में मौजूद थे. कोई दिल्ली से आया था तो कोई जयपुर से. देशभर में फैले उनके चाहने वालों का सैलाब परिसर में खचाखच भरा था. चेहरे पीपी सर की यादों में गमगीन थे, गला रूंधा हुआ था, आंखें रोने की वजह से लाल हो गई थीं. मगर अपने पसंदीदा शिक्षक की स्मृतियां बार-बार उन्हें गर्व की अनुभूति करा रही थीं. मंच पर सिंह के माता-पिता, भाई केपी सिंह, बहन योगिता, बेटा शिवपाल, बेटी शानू कई बार भावुक हुए, जज्बाती हुए. ऐसी ही कैफियत पत्रकारिता में उनसे दीक्षित पत्रकारों और छात्रों की थी. उधर, पुष्पेंद्र पाल सिंह को देश भर में श्रद्धांजलि देने का सिलसिला जारी है. इसी कड़ी में शुक्रवार शाम 4 बजे भोपाल के गांधी भवन में भी समस्त विद्यार्थियाें, नागरिक संस्थाओं, संगठनों और मित्रों द्वारा स्मृति सभा का आयोजन किया गया है.