भारतीय क्रूड ऑयल के बास्केट की कीमत रुपये प्रति बैरल के लिहाज से दिसंबर 2021 से मार्च 2023 तक 23 प्रतिशत बढ़ी. लेकिन इसकी तुलना में पेट्रोल और डीजल के खुदरा बिक्री मूल्य में वृद्धि हुई है. दिल्ली में केवल 1.08 प्रतिशत और 3.40 प्रतिशत रहा है. संसद को यह जानकारी दी गई. पेट्रोलियम राज्यमंत्री रामेश्वर तेली ने एक लिखित उत्तर में लोकसभा को बताया कि रिकॉर्ड ऊंची अंतरराष्ट्रीय कीमतों के बावजूद सार्वजनिक क्षेत्र की ऑयल मार्केटिंग कंपनियों (OMC) द्वारा 6 अप्रैल, 2022 से पेट्रोल और डीजल की कीमत में वृद्धि नहीं की गई है.
एलपीजी की बिक्री पर भी भारी नुकसान
इंडियन ऑयल कॉर्पोरेशन (IOCL), भारत पेट्रोलियम कॉर्पोरेशन और हिंदुस्तान पेट्रोलियम कॉर्पोरेशन नामक तीन ओएमसी (OMC) ने अप्रैल 2022 और दिसंबर 2022 के बीच 18,622 करोड़ रुपये का संयुक्त नुकसान दर्ज किया है. तीन ओएमसी (OMC) को घरेलू एलपीजी की बिक्री पर भी भारी नुकसान हुआ है, जहां सरकार द्वारा कीमत की निगरानी की जाती है. इन नुकसानों की भरपाई के लिए केंद्र ने हाल ही में उन्हें 22,000 करोड़ रुपये का एकमुश्त मुआवजा दिया है.
देश में पेट्रोल और डीजल की कीमतें क्रमश: 26 जून, 2010 और 19 अक्टूबर, 2014 से बाजार द्वारा निर्धारित की गई हैं. मंत्री ने कहा कि तब से तेल विपणन कंपनियां पेट्रोल और डीजल के मूल्य निर्धारण पर उचित निर्णय लेती हैं.