मॉस्को । रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने बेलारूस में सामरिक परमाणु हथियार तैनात करने का ऐलान किया है। उन्होंने कहा कि 1990 के दशक के बाद पहली बार ऐसा होगा, जब रूसी परमाणु हथियार देश से बाहर तैनात किए जाएंगे। पुतिन ने यूक्रेन युद्ध को लेकर पश्चिम के साथ बढ़ते तनाव के समय परमाणु हथियारों को बेलारूस में तैनात करने का फैसला किया है। पुतिन के इस फैसले पर अमेरिका ने सतर्क प्रतिक्रिया दी है। बाइडेन प्रशासन के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि रूस और बेलारूस पिछले एक साल में इस सौदे को लेकर बातचीत कर रहे थे। हालांकि, अमेरिकी अधिकारी ने यह भी स्पष्ट किया कि रूस का अपने परमाणु हथियारों के इस्तेमाल करने की योजना का अभी कोई संकेत नहीं है।
सामरिक परमाणु हथियार उन हथियारों के लिए इस्तेमाल किए जाते हैं, जिनका इस्तेमाल युद्ध के मैदान में किसी विशिष्ट लाभ के लिए किया जाता है। इनमें किसी शहर को साफ करने या बड़े पैमाने पर जनहानि पहुंचाने वाली क्षमता नहीं होती है। सामरिक परमाणु हथियारों में स्ट्रैटजिक बॉम्बर से दागी जाने वाली परमाणु क्षमता से लैस क्रूज मिसाइलें शामिल होती हैं। विशेषज्ञों के अनुसार पुतिन का यह फैसला काफी महत्वपूर्ण है, क्योंकि रूस को अब तक गर्व था कि अमेरिका के विपरीत उसने अपनी सीमाओं के बाहर परमाणु हथियार तैनात नहीं किए हैं।
पुतिन ने सरकारी टीवी पर बताया कि बेलारूस के राष्ट्रपति एलेक्जेंडर लुकाशेंको लंबे समय से अपने देश में सामरिक परमाणु हथियार तैनात करने की मांग कर रहे थे। उन्होंने कहा कि इसमें कुछ भी असमान्य नहीं है। सबसे पहले अमेरिका ऐसा दशकों से कर रहा है। उसने लंबे समय से अपने सहयोगी देशों के क्षेत्र में अपने सामरिक परमाणु हथियारों को तैनात किया है। उन्होंने कहा कि हम सहमत हैं कि हम वही करेंगे जो कानून के अनुसार होगा। मैं अपने दायित्वों का उल्लंघन किए बिना जोर देता हूं कि परमाणु हथियारों के अप्रसार पर हमारे अंतरराष्ट्रीय दायित्व को कोई खतरा नहीं होगा।
बेलारूस के राष्ट्रपति लुकाशेंको की नहीं आई कोई तत्काल प्रतिक्रिया
अभी बेलारूस के राष्ट्रपति लुकाशेंको की ओर से कोई तत्काल प्रतिक्रिया नहीं आई है। पुतिन ने यह नहीं बताया कि रूसी सामरिक परमाणु हथियारों को बेलारूस में कब तैनात किया जाएगा। बेलारूस की सीमा तीन नाटो देशों पोलैंड, लिथुआनिया और लातविया के साथ मिलती हैं। रूस और बेलारूस के बीच घनिष्ठ सैन्य संबंध हैं। पिछले साल बेलारूस ने रूस को यूक्रेन में सेना भेजने के लिए अपने क्षेत्र का इस्तेमाल करने की अनुमति दी थी। इस साल जनवरी में युद्ध के बावजूद दोनों देशों की सेनाओं ने साथा युद्धाभ्यास भी किया था।