पीसीसी चीफ गोविंद सिंह डोटासरा से मिलकर उनके आवास से बाहर आने के बाद चिकित्सकों का कहना था कि वार्ता सकारात्मक रही है, लेकिन आंदोलन जारी रहेगा।
राइट टू हेल्थ बिल को लेकर चिकित्सकों के दो गुट में बंटने के बाद एक गुट तो काम पर लौट चुका है। वहीं, निजी अस्पताल के चिकित्सकों का विरोध अभी भी जारी है। निजी चिकित्सकों और राज्य सरकार के बीच तनातनी अभी भी जारी है। इसी गतिरोध को सुलझाने के लिए चिकित्सकों का एक प्रतिनिधिमंडल शुक्रवार को पीसीसी चीफ गोविंद सिंह डोटासरा से मिलने उनके आवास पर पहुंचा। डोटासरा के सामने निजी चिकित्सकों के प्रतिनिधिमंडल ने अपना पक्ष रखा।
जानकारी के अनुसार वार्ता के दौरान गोविंद सिंह डोटासरा ने चिकित्सकों से कहा कि आपकी ओर से जो बिंदु बताए गए हैं, उसके तकनीकी पक्ष के लिए सरकार कुछ अधिकारियों की नियुक्त करेगी। हो सकता है कि एसीएस वित्त को आगे की वार्ता की जिम्मेदारी दी जाएगी।
वार्ता सकारात्मक लेकिन अभी इलाज नहीं करेंगे
डॉक्टर्स का कहना था कि वार्ता सकारात्मक रही है, लेकिन आंदोलन जारी रहेगा। इतना ही नहीं सरकार और चिकित्सकों के इस गतिरोध के बीच निजी अस्पतालों ने सरकारी योजना के तहत इलाज करने से भी इंकार करना शुरू कर दिया है।
बता दें कि कल शाम मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के आवास पर निजी चिकित्सकों का प्रतिनिधिमंडल उनसे मिलने पहुंचा था, जिसमें शामिल डॉ. वीरेंद्र से सीएम की वार्ता हुई और निजी डॉक्टर्स का पक्ष वार्ता में रखा गया। वार्ता में पीसीसी चीफ गोविंद सिंह डोटासरा को सरकार और निजी चिकित्सकों के बीच मध्यस्थता की जिम्मेदारी सौंपी गई थी।