वेंकटरमणि ने कहा कि परामर्श प्रक्रिया अग्रिम चरण में है और इसके संसद में जाने से पहले उन्हें दिखाया जाएगा। उन्होंने पीठ से आग्रह किया कि इस मामले को मानसून सत्र के बाद सुनवाई के लिए रखा जाए। वहीं दूसरी ओर वरिष्ठ अधिवक्ता गोपाल शंकरनारायणन ने शुरुआत में ही पीठ से मुद्दों पर निर्णय लेने के लिए सात न्यायाधीशों की एक पीठ गठित करने की मांग की। इस पर खंडपीठ ने कहा कि अगर मामला सात जजों के पास भी जाना है तो पहले इसे पांच जजों की बेंच के सामने रखना होगा।