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जम्मू कश्मीर के लोगों को नहीं कोई बाधा, याचिका दायर न कर पाने के आरोप गलत: SC

उच्चतम न्यायालय ने शुक्रवार को जम्मू-कश्मीर प्रशासन से उस याचिका पर जवाब मांगा जिसमें राज्य से अनुच्छेद 370 के प्रावधानों को हटाए जाने के बाद पांच लोगों को हिरासत में लेने को चुनौती दी गई थी। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि हमें जम्मू-कश्मीर हाई कोर्ट के चीफ जस्टिस से रिपोर्ट मिली है और इस तरह के आरोप कि वहां मौजूदा हालातों के मद्देनजर लोग हाई कोर्ट में याचिका तक दायर नहीं कर पा रहे हैं, यह ग़लत है।

प्रधान न्यायाधीश रंजन गोगोई की अध्यक्षता वाली पीठ ने याचिका पर जम्मू-कश्मीर प्रशासन को नोटिस जारी किया। न्यायमूर्ति एस ए बोबडे और न्यायमूर्ति एस ए नजीर भी पीठ का हिस्सा हैं। पीठ ने जम्मू-कश्मीर प्रशासन की ओर से पेश सॉलिसीटर जनरल तुषार मेहता को दो हफ्ते के भीतर जवाब दाखिल करने का निर्देश दिया ।

कश्मीर में बच्चों को कथित तौर पर हिरासत में रखे जाने का आरोप लगाने वाले बाल अधिकार कार्यकर्ता इनाक्षी गांगुली और शांता सिन्हा की ओर से पेश वरिष्ठ अधिवक्ता हुजेफा अहमदी ने 16 सितंबर को शीर्ष अदालत को बताया था कि घाटी के लोग वहां उच्च न्यायालय से संपर्क नहीं साध पा रहे हैं। पीठ ने कहा कि वह कश्मीर में बच्चों को कथित तौर पर हिरासत में लिए जाने का मुद्दा उठाने संबंधी याचिका पर सुनवाई करेगी क्योंकि याचिका में नाबालिगों से संबंधित ‘‘महत्वपूर्ण मुद्दे” उठाए गए हैं।

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