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रामचरितमानस की इन चौपाइयों का करें पाठ, हर संकट होगा दूर, सभी मनोकामनाएं भी होंगी पूरी

जीवन के किसी न किसी मोड़ पर इंसान के सामने कोई ऐसी विपत्ति आ खड़ी होती है, जिससे पार पाने में वह खुद को असमर्थ पाता है। ऐसे में हर कोई अपने इष्टदेव का नाम लेता है। इसके अलावा कई ऐसे मंत्र हैं, जो इंसान को किसी भी तरह के संकट से छुटकारा दिलाने में मददगार साबित हो सकते हैं। अगर आपको भी किसी तरह का संकट या चिंता सता रही है, तो आप मानस मंत्र का सहारा ले सकते हैं। वैसे तो श्रीरामचरितमानस की हर चौपाई अपने आप में मंत्र जैसा प्रभाव रखती है, पर कुछ चौपाइयों का मंत्र के रूप में प्रयोग प्रचलित है, जो आपको संकट से उबारने में मदद करते हैं। साथ ही किसी भी तरह की मनोकामना को भी पूरी करते हैं। आइए जानते हैं रामचरितमानस की कुछ चौपाइयों के बारे में, जो एकदम सरल एवं बेहद प्रभावकारी हैं। जीवन में किसी भी तरह की परेशानी में आप इसका जाप कर सकते हैं। मान्यता है कि इससे आपको जरूर लाभ मिलेगा…

किसी भी संकट को दूर करने के लिए
दीनदयाल बिरिदु सम्भारी। हरहु नाथ मम संकट भारी।

रोजगार पाने के लिए
विस्व भरण पोषण कर जोई। ताकर नाम भरत जस होई।।

यात्रा की सफलता के लिए
प्रबिसि नगर कीजै सब काजा। ह्रदय राखि कोसलपुर राजा।।

शीघ्र विवाह के लिए
तब जन पाई बसिष्ठ आयसु ब्याह। साज सँवारि कै।।
मांडवी, श्रुतकी, रति, उर्मिला कुँअरि लई हंकारि कै।।

विद्या प्राप्ति के लिए
गुरु गृहँ गए पढ़न रघुराई। अलप काल विद्या सब आई॥

परीक्षा में सफलता के लिए
जेहि पर कृपा करहिं जनु जानी। कबि उर अजिर नचावहिं बानी॥
मोरि सुधारिहि सो सब भाँती। जासु कृपा नहिं कृपाँ अघाती॥

आलस्य से मुक्ति पाने के लिए
हनुमान तेहि परसा कर पुनि कीन्ह प्रणाम।
राम काजु कीन्हें बिनु मोहि कहां विश्राम।।

सभी मनोरथ को पूरा करने के लिए
भव भेषज रघुनाथ जसु,सुनहि जे नर अरू नारि।
तिन्ह कर सकल मनोरथ सिद्ध करहि त्रिसिरारि।।

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