Breaking
Indore की 531 कालोनियों के रेट जोन बदले, संपत्तिकर और कचरा कर में हुई बढ़ोतरी इंदौर में 169 टेबलों पर कुल 146 राउंड में होगी मतगणना, नेहरू स्टेडियम में होगी काउंटिंग चाइनीज चाकू हवा में लहरा किए किराना व्यापारी के सिर पर 10 वार 20 दिन बाद होगी पूरक परीक्षा, लेकिन तैयारियां अब तक अधूरी आगरा जा रहे बेटे को छोड़ने आई मां और छोटे बेटे का पैर फिसला तीन साल में बनकर तैयार होगा नर्मदा नदी पर तीसरा बड़ा पुल, धार जिले से सीधे जुड़ जाएंगे ये इलाके महिला ने दो बच्चाें के साथ जहरीला पदार्थ खाया, महिला की माैत, बच्चे अस्पताल में भर्ती EOW का कारनामा, 6 साल पूर्व ही जुटा ली थी अभय राठौर की संपत्तियों की जानकारी, बाद में दे दी क्लीन चि... उज्‍जैन का पहला पुल..जिस पर लोगाें को धूप-बरसात से बचाने के लिए लगाई जाएगी कैनोपी कैंसर के उपचार के लिए भी धार, झाबुआ, आलीराजपुर से गुजरात पलायन की मजबूरी

Holi 2024 : होली की रात क्यों की जाती है चांद की पूजा? जानें इससे जुड़ा धार्मिक महत्व

Holi Chandra Puja : होली का त्योहार भारत के प्रमुख त्योहारों में से एक है. भारत के साथ साथ विदेशों में भी होली के त्योहार की धूम रहती है. होली का ये लोकप्रिय त्योहार 2 दिनों तक मनाया जाता है. पहले दिन सुबह के समय होलिका पूजन तो फिर देर शाम को विधि विधान के साथ शुभ मुहूर्त में होलिका दहन किया जाता है, इसके अगले दिन रंगों और पानी के साथ एक दूसरे को रंग लगाकर और तरह तरह के पकवान और मिठाइयां बनाकर होली का त्योहार मनाया जाता है.

क्या आप जानते हैं होली के त्योहार पर होलिका दहन वाले दिन रात के समय चंद्रदेव की पूजा की भी परंपरा है. इस दिन चंद्रमा की श्रद्धा पूर्वक पूजा करने का विशेष महत्व माना जाता है. मान्यता है कि होलिका दहन की रात को चंद्रमा की पूजा करने से धन के साथ साथ सुख शांति और समृद्धि का आशीर्वाद भी प्राप्त होता है.

होली पर कैसे करें चंद्रमा की पूजा ?

मान्यता के अनुसार, होलिका दहन की रात को जहां कहीं से भी आपको आसानी से चंद्रमा के दर्शन हो सके, उस स्थान पर चंद्रमा की पूजा करनी चाहिए. चंद्रदेव की पूजा के लिए एक चांदी की थाली लें, चांदी की थाली न होने पर जो भी थाली घर में हैं उसका इस्तेमाल करें. अब थाली में, कुछ छुहारे, मखाने, साबूदाने की खीर, सफेद रंग की कोई मिठाई, दूध से भरा हुआ लोटा, घी का दीपक और सुगंधित धूप रखें.

अब धूप और दीपक जलाएं और चंद्रमा को अर्घ्य देते हुए दूध अर्पित करें. इसके बाद सफेद रंग की मिठाई और साबूदाने की खीर अर्पित कर भोग लगाएं. अब चंद्रदेव से सुख शांति और समृद्धि देने और अपना आशीर्वाद बनाएं रखने के लिए प्रार्थना करें. अब अपने परिजनों और आसपास के लोगों को छुहारे और मखाने प्रसाद के रूप में बांटें. प्रत्येक पूर्णिमा पर भी इसी तरह चंद्रदेव की पूजा के लिए यह अनुष्ठान किया जा सकता है.

Indore की 531 कालोनियों के रेट जोन बदले, संपत्तिकर और कचरा कर में हुई बढ़ोतरी     |     इंदौर में 169 टेबलों पर कुल 146 राउंड में होगी मतगणना, नेहरू स्टेडियम में होगी काउंटिंग     |     चाइनीज चाकू हवा में लहरा किए किराना व्यापारी के सिर पर 10 वार     |     20 दिन बाद होगी पूरक परीक्षा, लेकिन तैयारियां अब तक अधूरी     |     आगरा जा रहे बेटे को छोड़ने आई मां और छोटे बेटे का पैर फिसला     |     तीन साल में बनकर तैयार होगा नर्मदा नदी पर तीसरा बड़ा पुल, धार जिले से सीधे जुड़ जाएंगे ये इलाके     |     महिला ने दो बच्चाें के साथ जहरीला पदार्थ खाया, महिला की माैत, बच्चे अस्पताल में भर्ती     |     EOW का कारनामा, 6 साल पूर्व ही जुटा ली थी अभय राठौर की संपत्तियों की जानकारी, बाद में दे दी क्लीन चिट     |     उज्‍जैन का पहला पुल..जिस पर लोगाें को धूप-बरसात से बचाने के लिए लगाई जाएगी कैनोपी     |     कैंसर के उपचार के लिए भी धार, झाबुआ, आलीराजपुर से गुजरात पलायन की मजबूरी     |    

पत्रकार बंधु भारत के किसी भी क्षेत्र से जुड़ने के लिए सम्पर्क करें