Breaking
डीपफेक वीडियो केस: कोर्ट ने कहा- चुनाव आयोग पर भरोसा, निर्देश देने से किया इनकार दिल्ली-एनसीआर के स्कूलों को धमकी मामले में बड़ा खुलासा, सामने आया ‘2023 वाला पैटर्न’ दंडी आश्रम, कमरा नंबर-12 और डर्टी पिक्चर… नाबालिग बटुकों से अपनी भूख मिटाने वाले आचार्य की कहानी औरंगजेब ने जजिया कर लगाया था, कांग्रेस विरासत टैक्स लगाएगी… फिराजाबाद की सभा में बरसे सीएम योगी रोहित शर्मा ने तो टेंशन दे दी…T20 World Cup में इस कमजोरी से हो जाएगा बेड़ा गर्क तवायफों की दुनिया में आपका स्वागत है, लेकिन जरा संभलकर, कैसी है संजय लीला भंसाली की हीरामंडी? अमेरिका के फैसले के बाद 3000 रुपए तक सस्ता हो सकता है सोना, ये है बड़ी वजह मोबाइल पर अब दिखेगा कॉल करने वाले का नाम, TRAI ने टेलीकॉम कंपनियों को दिए निर्देश वैशाखी अमावस्या की शाम दीपदान करने का क्या है महत्व? दूर होता है पितृ दोष! सड़कों पर पानी, बिजली भी गायब…बारिश और तूफान ने UAE का किया बुरा हाल

श्रम न्यायालय के आदेशानुसार शेष राशि का भुगतान ब्याज सहित करें, हाई कोर्ट ने दी 45 दिन की मोहलत

जबलपुर: हाई कोर्ट ने श्रम न्यायालय के आदेशानुसार शेष राशि का भुगतान ब्याज सहित किए जाने की व्यवस्था दी है। इसके लिए 45 दिन की मोहलत दी गई है। इससे पूर्व याचिकाकर्ता को 15 दिन के भीतर मुख्य नगर पालिका, खुरई के समक्ष अभ्यावेदन प्रस्तुत करना हाेगा।

न्यायमूर्ति विवेक अग्रवाल की एकलपीठ के समक्ष मामले की सुनवाई हुई। इस दौरान याचिकाकर्ता देवेंद्र रैकवार पिता पूरन लाल रैकवार, निवासी शिवाजी वार्ड, पालिटेक्निक रोड, खुरई तहसील खुरई, जिला सागर की ओर से अधिवक्ता शंकर प्रसाद सिंह व पदमावती जायसवाल ने पक्ष रखा। उन्होंने दलील दी कि याचिकाकर्ता की नियुिक्त एक मार्च, 2003 को दैनिक वेतनभोगी के स्वीकृत पद पर भृत्य बतौर की गई थी।

आठ फरवरी, 2011 के मौखिक आदेश से सेवा समाप्त कर दी गई। जिसके विरुद्ध श्रम न्यायालय में प्रकरण प्रस्तुत किया गया। 26 सितंबर, 2014 को अवार्ड पारित करते हुए निर्देश दिया गया कि एक माह के भीतर पुन: सेवा में बहाल किया जाए। यही नहीं एक माह के भीतर 50 प्रतिशत पिछला भुगतान भी सुनिश्चित किया जाए। विभाग ने इस आदेश के विरुद्ध हाई कोर्ट में याचिका दायर कर दी।

27 दिसंबर, 2021 को याचिका लंबित रहने के दौरान याचिकाकर्ता को पुन: सेवा में ले लिया गया। बाद में याचिका निरस्त कर दी गई। इसके बावजूद मुख्य नगर पालिका, खुरई के द्वारा याचिकाकर्ता को श्रम न्यायालय द्वारा पारित आदेश के परिप्रेक्ष्य में 80 हजार 413 रुपये का भुगतान नहीं किया गया। लिहाजा, अभ्यावेदन प्रस्तुत किया गया। अभ्यावेदन का निराकरण न होने पर हाई कोर्ट में याचिका दायर की गई।

डीपफेक वीडियो केस: कोर्ट ने कहा- चुनाव आयोग पर भरोसा, निर्देश देने से किया इनकार     |     दिल्ली-एनसीआर के स्कूलों को धमकी मामले में बड़ा खुलासा, सामने आया ‘2023 वाला पैटर्न’     |     दंडी आश्रम, कमरा नंबर-12 और डर्टी पिक्चर… नाबालिग बटुकों से अपनी भूख मिटाने वाले आचार्य की कहानी     |     औरंगजेब ने जजिया कर लगाया था, कांग्रेस विरासत टैक्स लगाएगी… फिराजाबाद की सभा में बरसे सीएम योगी     |     रोहित शर्मा ने तो टेंशन दे दी…T20 World Cup में इस कमजोरी से हो जाएगा बेड़ा गर्क     |     तवायफों की दुनिया में आपका स्वागत है, लेकिन जरा संभलकर, कैसी है संजय लीला भंसाली की हीरामंडी?     |     अमेरिका के फैसले के बाद 3000 रुपए तक सस्ता हो सकता है सोना, ये है बड़ी वजह     |     मोबाइल पर अब दिखेगा कॉल करने वाले का नाम, TRAI ने टेलीकॉम कंपनियों को दिए निर्देश     |     वैशाखी अमावस्या की शाम दीपदान करने का क्या है महत्व? दूर होता है पितृ दोष!     |     सड़कों पर पानी, बिजली भी गायब…बारिश और तूफान ने UAE का किया बुरा हाल     |    

पत्रकार बंधु भारत के किसी भी क्षेत्र से जुड़ने के लिए सम्पर्क करें