बीजेपी सदस्यता अभियान में प्रदेशों और नेताओं के उदासीन रवैए से पार्टी नेतृत्व नाखुश है. पहले चरण में 3 सितंबर को शुरू किया गया अभियान 25 सितंबर को खत्म हो गया. बीजेपी ने इन 23 दिनों में करीब 6 करोड़ सदस्य बनाए हैं जो अपेक्षा से कम माना जा रहा है. पार्टी सूत्रों के मुताबिक पार्टी के संस्थापक रहे दीनदयाल उपाध्याय के जन्मदिवस 25 सितंबर को 1 करोड़ नए सदस्य बनाने का लक्ष्य रखा गया था जो लक्ष्य पूरा नहीं हो सका. पार्टी नेताओं के जोर लगाने के बावजूद 25 सितंबर को 83 लाख सदस्य बनाये जा सके जो लक्ष्य से 17 लाख कम रही. इसी दिन सदस्यता अभियान के पहले चरण की आखिरी तिथि भी थी.
सदस्यता अभियान में खराब प्रदर्शन वाले राज्यों की सूची में राजस्थान, तेलंगाना, कर्नाटक और बिहार जैसे राज्यों का स्थान है. इन राज्यों के नेताओं को सदस्यता अभियान में अपना आंकड़ा सुधारने को कहा गया है. बिहार में करीब 32 लाख सदस्य बने हैं जबकि राजस्थान में 26 लाख सदस्य ही बन सके हैं. तेलंगाना में भी ये आंकड़ा 10 लाख के नीचे है. इन राज्यों ने सदस्य बनाने के अपने टारगेट का 50% भी हासिल नहीं किया. 25 सितंबर तक बीजेपी सदस्यता अभियान के पहले चरण के 6 करोड़ के आंकड़े में सिर्फ 4 राज्यों से ही आधे से ज्यादा सदस्य बने हैं.
टारगेट नहीं हुआ पूरा, आलाकमान नाखुश
यूपी, गुजरात, एमपी और असम ने ही 3 करोड़ से ज्यादा सदस्य बने हैं. इसमें सबसे ज्यादा करीब 1.5 करोड़ से ज्यादा सदस्य उत्तर प्रदेश से बने हैं. यूपी को 2 करोड़ का लक्ष्य दिया गया था जिसने 65% लक्ष्य हासिल कर लिए हैं. दूसरे नंबर पर मध्यप्रदेश और गुजरात हैं. दोनों राज्यों ने लगभग 1 करोड़ से ज्यादा सदस्य बनाए हैं. गुजरात और मध्यप्रदेश ने अपना 75% लक्ष्य पूरा कर लिया. वहीं, तीसरे स्थान पर असम है जहां 50 लाख से ज्यादा सदस्य बनाए गए हैं. असम को 65 लाख सदस्य बनाने का लक्ष्य दिया गया था जिसने करीब 85% लक्ष्य को पूरा कर लिया है.
छोटे राज्यों में सबसे बेहतर प्रदर्शन हिमाचल, अरुणाचल और त्रिपुरा का रहा है. त्रिपुरा ने करीब 10 लाख से ज्यादा सदस्य बनाए हैं और 60% लक्ष्य पूरा किया. अरुणाचल प्रदेश ने भी बेहतर काम किया है और 65% लक्ष्य को पूरा किया है. हिमाचल प्रदेश ने सदस्यता अभियान के तहत 75% लक्ष्य पूरा कर लिया है. उत्तराखंड में सदस्यता अभियान के तहत सदस्यों की संख्या 10 लाख के पार चला गया है. उत्तराखंड ने दिए गए लक्ष्य का 65% पूरा कर लिया. सदस्यता के मामले में देश के सभी महानगरों में दिल्ली अव्वल नंबर पर है. दिल्ली बीजेपी ने 14.5 लाख सदस्य बनाए हैं.
हालांकि, पार्टी के इस नई सदस्यता अभियान में इस बात को लेकर संतोष व्यक्त किया गया है कि नए बन रहे सदस्यों में 80% से ज्यादा लोग पार्टी का पूरा फॉर्म भरकर सबमिट कर रहे हैं. इससे पार्टी के बन रहे नए सदस्यों की विस्तृत जानकारी पार्टी के पास आ रही है. पार्टी सूत्रों का कहना है कि इस कार्यक्रम को तय करते वक्त पार्टी ने सोचा था कि 40- 50% लोग ही विस्तृत फॉर्म भरकर जमा कर सकेंगे लेकिन पार्टी नेतृत्व के आकांक्षाओं के अलग 80% से ज्यादा लोगों ने फॉर्म भरकर सदस्यता लिया है. गौरतलब है कि वर्ष 2014 और 2019 में पार्टी ने सदस्यता अभियान में सिर्फ मिस्ड कॉल के जरिए सदस्यता देने का निर्णय लिया था जिसमें पार्टी के सदस्यों का डेटा नहीं हासिल हो सका था और उसके लिए अलग से कवायद करनी पड़ी थी.
बीजेपी अब सदस्यता अभियान को ऐसे देगी नई धार
अब दूसरे चरण के लिए पार्टी ने बीजेपी युवा मोर्चा को विशेष तौर पर सदस्यता अभियान के काम से जोड़ा है. इस बाबत 27 सितंबर को राष्ट्रीय युवा मोर्चा के पदाधिकारियों की बैठक की गई जिसमें ये निर्देश दिए गए हैं कि मोर्चा को सदस्यता अभियान में आगे बढ़चढकर हिस्सा लेना है. युवा मोर्चा को कॉलेज, इंस्टीट्यूशन जैसे जगहों पर विशेष ड्राइव चलाकर देश के युवाओं को जोड़ना है. उन्हे इस बात की हिदायत दी गई है कि युवा मोर्चा 35 साल से कम आयु के लोगों को हो साथ जोड़ें और उसमें भी क्वांटिटी से अधिक क्वालिटी के लोगों को जोड़ने पर ध्यान देना है. जिसमें बीजेपी युवा मोर्चा प्रभारी महासचिव सुनील बंसल और युवा मोर्चा के राष्ट्रीय अध्यक्ष तेजस्वी सूर्या शामिल रहे.
पार्टी सूत्रों का कहना है कि इससे पहले 26 सितंबर को बीजेपी के राष्ट्रीय संगठन मंत्री बीएल संतोष ने राजस्थान के नेताओं के सदस्यता अभियान को लेकर उदासीन रवैया को लेकर नाराजगी व्यक्त की थी. जयपुर में पार्टी नेताओं की बैठक में (जिसमें सासंद, विधायक और संगठन के नेता मौजूद थे) साफ तौर कहा कि पार्टी सदस्यता अभियान में राज्य की भूमिका बहुत खराब है और इसे शीघ्र ठीक करना पार्टी के सभी नेताओं का दायित्व है.
अभियान को धार देने के लिए नड्डा का तेलंगाना दौरा
बीजेपी अध्यक्ष जेपी नड्डा सदस्यता अभियान को धार देने के लिए 28 सितंबर को तेलंगाना के दौरा पर जा रहे हैं. जेपी नड्डा हैदराबाद के बेगमपेट इलाके में रात 8 बजे पार्टी पदाधिकारियों की बैठक कर सदस्यता अभियान को धार देने की कोशिश करेंगे. बीजेपी के सभी सांसदों, विधायकों और पार्टी पदाधिकारियों को भी इस अभियान से जोड़ा गया था. सभी सांसदों को 15 हजार और पार्टी के विधायकों को 5 हजार सदस्य बनाने का लक्ष्य दिया गया था. पार्टी सूत्रों का कहना है कि अधिकतर पार्टी के सांसद और विधायक भी अपने अपने लक्ष्य से बहुत हैं. यहां तक बहुत सारे सासंद और विधायक दिए गए टारगेट का 10% लक्ष्य भी पूरा नहीं कर सके हैं.
बीजेपी सदस्यता अभियान 3 सितंबर को शुरू की गई थी. पार्टी ने इस अभियान को 2 चरणों में चलाने की घोषणा की थी. पहला चरण 3 सितंबर से 25 सितंबर को चलाया गया. सदस्यता अभियान का दूसरा चरण 2 अक्टूबर से 20 अक्टूबर तक चलाया जाएगा. खास बात ये है कि विधानसभा चुनाव के वजह से बीजेपी ने महाराष्ट्र, हरियाणा, जम्मू कश्मीर और झारखंड जैसे राज्यों को अपने सदस्यता अभियान से दूर रखा है.