भोपाल। राजधानी में घरों से निकलने वाले खतरनाक कचरे ( हजार्ड वेस्ट) का साइंटिफिक डिस्पोजल करने के लिए पीथमपुर स्थित प्री-प्रोसेसिंग प्लांट हजार्गो इंडस्ट्री से करार किया गया है। इसके साथ ही भोपाल नगर निगम ऐसा करने वाला पहला नगर निगम है। गुरुवार को दो गार्बेज ट्रांसफर स्टेशनों से घरेलू खतरनाक कचरे को पीथमपुर प्री-प्रोसेसिंग प्लांट पर भेजा गया है। आने वाले दिनों में अन्य गार्बेज ट्रांसफर स्टेशनों से हजार्ड्स वेस्ट को पीथमपुर भेजा जाएगा।
नगर निगम द्वारा घर, दफ्तर और कारखानों से निकलने वाले कचरे जिसमें सीएफएल, मच्छर दूर भगाने वाला रसायन, चूहेमार दवा, टूटे ब्लेड, टूटे हुए कांच, पेंट के डिब्बे आदि जैसे कई ऐसे पदार्थ होते हैं, जो पर्यावरण को प्रदूषित करते हैं और इनके उपयोग के बाद इन्हें जलाना या दफनाना दोनों ही पर्यावरण के लिए हानिकारक होता है। इसी स्थिति के दृष्टिगत पर्यावरण को संरक्षित रखने के लिए नगर निगम ने मध्यप्रदेश के पहले प्री-प्रोसेसिंग प्लांट हजार्गो इंडस्ट्रीज पीथमपुर के साथ अनुबंध किया है।
नगर निगम का यह महत्वपूर्ण कदम स्वच्छ भारत अभियान में एक बड़ा कदम है, साथ ही पर्यावरण संरक्षण हेतु किए जा रहे कार्यों के दृष्टिगत निगम इस तरह का कार्य करने वाला देश का पहला नगरीय निकाय है, जिसने सबसे पहले यह पहल करते हुए पर्यावरण को सुरक्षित और संरक्षित रखने हेतु यह निर्णय लिया है।
हजार्गो इंडस्ट्री मध्यप्रदेश का पहला प्री-प्रोसेसिंग प्लांट है, जहां पर घरेलू हजार्ड्स वेस्ट की प्रोसेसिंग के बाद वैकल्पिक ईंधन में परिवर्तित किया जाता है और यह ईंधन कोयले के विकल्प के रूप में सीमेंट प्लांट में उपयोग हेतु प्रदाय किया जाता है, जिससे प्राकृतिक खनिज संपदा की बचत होती है और हजार्ड्स वेस्ट से बनने वाले ईंधन से सीमेंट के प्लांट संचालित होते हैं।