केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने रविवार को महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव के लिए बीजेपी का संकल्प पत्र जारी कर दिया. इस दौरान उन्होंने सीएम फेस को लेकर बड़ी बात कही. शाह ने कहा कि अभी महाराष्ट्र सरकार में एकनाथ शिंदे हैं. चुनाव के बाद तीनों पार्टियां बैठकर तय करेंगी कि महाराष्ट्र का सीएम कौन होगा? उन्होंने कहा कि शरद पवार को मौका नहीं देंगे.
शाह ने कहा कि हम जो संकल्प पत्र लेकर आए हैं, उसमें 25 प्रमुख मुद्दे हैं. लाडली बहन योजना और वृद्धावस्था पेंशन में हम बढ़ोतरी कर रहे हैं. किसानों के ऋण माफ और किसान सम्मान निधि को 12 हजार रुपये से बढ़ाकर 15 हजार रुपये करेंगे. 10 लाख प्रतिभावान छात्रों को मासिक 10 हजार रुपये का मानदेय देंगे. 45 हजार गांवों में रास्ते बनाए जाएंगे.
आशा वर्कर और आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं का बीमा किया जाएगा और उनका मासिक वेतन 15 हजार रुपये तक बढ़ाया जाएगा. शाह ने कहा कि आज जो संकल्प पत्र जारी हुआ है, वह महाराष्ट्र की जनता की आकांक्षाओं का प्रतिबिंब है. हमने इस संकल्प पत्र के माध्यम से महापुरुषों की परंपराओं और सांस्कृतिक विरासतों को आगे बढ़ाने का संकल्प भी रखा है.
हम अपने संकल्पों को सिद्ध करते हैं- शाह
केंद्रीय गृह मंत्री ने कहा कि अघाड़ी की सारी योजनाएं सत्ता की लालच में तुष्टिकरण की हैं, विचारधाराओं का अपमान करने वाली हैं और महाराष्ट्र की संस्कृति से छल करने वाली हैं. केंद्र हो या राज्य, जब हमारी सरकार बनती है, तो हम हमारे संकल्पों को सिद्ध करते हैं. जब यूपीए ने राज्य और केंद्र में शासन किया तो महाराष्ट्र को उनके हाथों अन्याय का सामना करना पड़ा.
हालांकि, जब महाराष्ट्र में डबल इंजन की सरकार थी, तो हमने उसे पांच गुना धन दिया. शाह ने कहा कि यह झूठा प्रचार किया जा रहा है कि महाराष्ट्र में कोई निवेश नहीं है. जब अघाड़ी सरकार थोड़े समय के लिए सत्ता में थी, तो महाराष्ट्र निवेश के मामले में चौथे स्थान पर खिसक गया. हालांकि, जब हमने सरकार बनाई, तो दो वर्षों में महाराष्ट्र ने देश में सबसे अधिक एफडीआई प्राप्त हुआ.
परिवार को आगे बढ़ाने के चक्कर में पार्टी तोड़ी
मुफ्त रेवड़ियों के टीवी9 भारतवर्ष के सवाल पर शाह ने कहा कि देखिए पिछले 2.5 साल के उद्धव जी के सरकार ने जनता को काफी गड्ढे में डाले थे. यदि लोगों का विकास होगा तभी राज्य आगे बढ़ेगा. वहीं, बीजेपी को तोड़ने को लेकर उन्होंने कहा कि परिवार को आगे बढ़ाने के चक्कर में अपनी पार्टी तोड़ी और यदि अब भी नहीं समझे तो आगे भी टूटती रहेगी.