बिहार एक बार फिर से चर्चा में है. वजह केवल एक है, बीपीएससी 70वीं प्रारंभिक परीक्षा को लेकर चल रहा शिक्षा सत्याग्रह. राजधानी के गर्दनीबाग स्थित धरना स्थल पर जिस सत्याग्रह को लेकर बीपीएससी के अभ्यर्थी लगातार अपनी मांगों को बुलंद किए हुए हैं, उसी शिक्षा सत्याग्रह में जन सुराज के सूत्रधार प्रशांत किशोर द्वारा अभ्यर्थियों से कही गई बात ने इसे चर्चा के दूसरे मोड पर ला कर के खडा कर दिया है. इसलिए क्योंकि इस शिक्षा सत्याग्रह में सियासत की एंट्री हो गई है. बात यही नहीं रुकी, एक तरह से इस पूरे आंदोलन को हाईजैक भी कर लिया गया और इसमें कोई एक दल नहीं बल्कि बारी-बारी से बिहार के सभी विपक्षी दल शामिल रहे.
दरअसल इस पूरे शिक्षा सत्याग्रह की नींव जिस छात्र नेता ने रखी, वही इससे अलग हो गया. बीपीएससी में कथित रूप से धांधली, नॉर्मलाइजेशन और अन्य बातों को लेकर सबसे पहले छात्र नेता दिलीप ने अपनी आवाज को उठाया. दिलीप की बातों का असर भी हुआ. छात्रों ने उसका साथ भी दिया, लेकिन दिलीप ने बाद में अपनी राह को जुदा कर लिया. दिलीप से जुड़े लोगों की मानें तो उन्होंने अपनी राह को इसलिए बदला क्योंकि उसे यह लग रहा था कि उनके आंदोलन को हैक करने की कोशिश की जा रही है.
कोचिंग संचालकों का जुड़ाव
इस शिक्षा सत्याग्रह की शुरुआत के बाद शुरू के कुछ दिन तो दिलीप जुड़े रहे लेकिन बाद में कई कोचिंग संचालक इससे जुड़ते चले गए. मूल शुरुआत करने वाले नेपथ्य में चले गए. जबकि एक खास बात यह भी है कि अब तक इस मामले में किसी को जेल हुई तो वह एकमात्र नाम दिलीप को ही हुई है.
राजनीति की रोटी सेंकने की कोशिश
इस शिक्षा सत्याग्रह से जुड़े कई अभ्यर्थियों का कहना था कि में विभिन्न दलों ने अपनी राजनीतिक रोटी को भी सेंकने का काम किया. इन अभ्यर्थियों से मिलने के लिए नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव, सांसद पप्पू यादव, जन सुराज के कार्यकारी अध्यक्ष मनोज भारती और जन सुराज के सूत्रधार प्रशांत किशोर के अलावा राजद के भी कई नेता धरना स्थल पर गए थे.
इन अभ्यर्थियों ने ही खुद यहां तक कह दिया था कि अगर यहां कोई राजनीतिक रोटी सेंकने के लिए आ रहा है तो वह इस जगह से चले जाए लेकिन अगर कोई इंसाफ दिलाने की नियत से साथ देना चाहता है तो उसका स्वागत है. बीपीएससी अभ्यर्थियों ने इसी प्रकार की सीधी बात जन सुराज के कार्यकारी अध्यक्ष मनोज भारती से तब कही थी, जब वह धरना स्थल पर गए हुए थे.
फंडिंग की बात से हड़कंप
इस शिक्षा सत्याग्रह को लेकर एक वीडियो भी तेजी से वायरल हुआ, जिसमें जन सुराज के सूत्रधार प्रशांत किशोर रविवार की देर रात धरना स्थल पर जाड़े में ओढ़े जाने वाले कंबल की फंडिंग की बात कह रहे हैं. हालांकि उनकी इस बात का मौके पर उपस्थित अभ्यर्थी पुरजोर तरीके से विरोध भी करते दिखे. प्रशांत किशोर जिस तरह की बातें करते हुए नजर आए हैं उससे ये तो साफ है कि यह आंदोलन अब हाईजैक हो चुका है.