छत्तीसगढ़ पत्रकार हत्याकांड: ‘अरबों सूर्य की तरह…’ मुकेश चंद्राकर के मर्डर के बाद छोटे भाई ने बताई अंतिम इच्छा
छत्तीसगढ़ के बीजापुर में पत्रकार मुकेश चंद्राकर की हत्या मामले में पुलिस ने तीन आरोपियों को हिरासत में लिया है. इनमें मुख्य आरोपी का भाई रितेश चंद्राकर भी शामिल है. सभी आरोपियों से पूछताछ की जा रही है. इधर, मृतक पत्रकार मुकेश के भाई युकेश चंद्राकर ने सुप्रीम कोर्ट से मामले को स्वत संज्ञान में लेने की मांग की है. उन्होंने मांग की है कि उनके भाई के शव के क्रियाकर्म के पूर्व या क्रियाकर्म के दिन सभी दोषियों को फांसी की सजा दी जाए.
एक्स पर की चार पोस्ट, लिखा- मेरे भाई को ढूंढकर मुझे लौटा दें
युकेश चंद्राकर ने सोशल मीडिया प्लेटफार्म पर तीन जनवरी को एक के बाद एक चार पोस्ट की. उन्होंने अपनी पहली पोस्ट में अपने भाई पत्रकार मुकेश चंद्राकर के गायब होने की जानकारी देते हुए लिखा ‘मेरा भाई मुकेश चंद्राकर एक जनवरी की शाम से लापता है. सभी पत्रकारों, संगठनों, आमजनों, सरकारों से करबद्ध अनुरोध है मेरे भाई को ढूंढकर मुझे लौटा दें.’ उन्होंने उसी दिन दूसरी पोस्ट में भी दोबारा यही गुहार लगाई थी. जिसमें उन्होंने सीएमओ छत्तीसगढ़, डिप्टी सीएम विजय शर्मा समेत कई पत्रकारों को टैग किया था.
‘इसे मेरे भाई और मेरी अंतिम इच्छा मानी जाए’
युकेश ने 3 जनवरी को अपने तीसरी पोस्ट में लिखा ‘अंतिम इच्छा का महत्व प्रत्येक धर्म में क्या है? इस प्रश्न का पूरा सम्मान ही मेरे भाई की सच्ची श्रद्धांजलि है.’ उन्होंने अपनी चौथी पोस्ट में आरोपी रितेश का फोटो अपलोड करते हुए अपनी अंतिम इच्छा का जिक्र किया है. जिसमे लिखा है ‘मुझे दिल्ली में प्रेस कॉन्फ्रेंस चाहिए, जिसमें राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय मीडिया मौजूद हो, लाइव. इसे मेरे भाई और मेरी अंतिम इच्छा मानी जाए.’
युकेश ने आज अपनी पोस्ट में मुकेश चंद्राकर के शव का फोटो अपलोड करते हुए सुप्रीम कोर्ट से मांग करते हुए लिखा है ‘माननीय सर्वोच्च न्यायालय को मेरे भाई श्री मुकेश चंद्राकर की हत्या का स्वतः संज्ञान लेकर, ये कोशिश करनी ही चाहिए कि क्रियाकर्म के पूर्व या क्रियाकर्म के दिन सभी दोषियों को फांसी की सज़ा दे दी जाए !’
कौन थे पत्रकार मुकेश चंद्राकर?
बीजापुर के पत्रकार मुकेश चंद्राकर को लोग उनकी साहसिक पत्रकारिता के लिए जानते थे. वह नक्सलियों से लेकर भ्रष्टाचार, रिश्वत और स्थानीय समस्याओं पर तेज तर्रार पत्रकारिता किया करते थे. उनकी पत्रकारिता के बदोलत 2023 में एक सीआरपीएफ जवान को नक्सलियों से बचाया गया था. वह खुद जवान को नक्सलियों के बीच से छुड़ाकर लाए थे. मुकेश चंद्राकर एक जनवरी 2025 को अचानक गायब हो गए. परिजनों और पुलिस ने उनकी तलाश की. 3 जनवरी को उनका शव आरोपी ठेकेदार के फार्म हाउस स्थित सेप्टिक टैंक से बरामद हुआ.