खो-खो का पहला वर्ल्ड कप दिल्ली के इंदिरा गांधी स्टेडियम में खेला गया. इस टूर्नामेंट में भारतीय महिला और पुरुष टीम की ओर से दमदार खेल देखने को मिला. भारतीय महिला टीम नेपाल को हराकर खिताब अपने नाम किया. फिर भारत की पुरुष टीम ने भी ऐतिहासिक प्रदर्शन किया. पुरुष खो-खो वर्ल्ड कप का फाइनल मैच भारत और नेपाल की टीमों के बीच खेला गया. टूर्नामेंट का पहला मैच भी इन दोनों टीमों के बीच खेला गया था. तब टीम इंडिया ने बाजी मारी थी. फाइनल में भी ऐसा ही हुआ, भारतीय टीम ने नेपाल को हराकर ट्रॉफी अपने नाम की.
भारतीय टीम ने एकतरफा अंदाज में जीता फाइनल मैच
भारतीय टीम ने इस मुकाबले में नेपाल को 54-36 के अंतर से हराया. फाइनल मुकाबले में नेपाल की टीम टॉस जीतने में कामयाब रही थी और उसने डिफेंस करने का फैसला किया था. लेकिन भारतीय टीम ने दमदार शुरुआत की. टर्न 1 में अटैक करते हुए भारतीय टीम ने कुल 26 पॉइंट हासिल किए. वहीं, टर्न 2 में अटैक करते हुए नेपाल की टीम ने 18 पॉइंट अपने नाम कर सकी, जिसके चलते भारतीय टीम ने 8 पॉइंट की बढ़त हासिल की. इसके बाद टर्न 3 में टीम इंडिया ने 54 पॉइंट का आंकड़ा छुआ और 26 पॉइंट की बढ़त बना ली. आखिरी टर्न में नेपाल 8 पॉइंट की हासिल कर सकी, जिसके चलते भारतीय टीम ने एकतरफा अंदाज में बाजी मार ली.
अजेय ही भारतीय पुरुष टीम
पुरुष खो-खो वर्ल्ड कप में कुल 20 टीमों ने हिस्सा लिया. इस दौरान भारतीय पुरुष टीम नेपाल, पेरू, ब्राजील और भूटान के साथ ग्रुप ए थी. ग्रुप स्टेज में टीम इंडिया की ओर से दमदार प्रदर्शन देखने को मिला. वह हर मुकाबले में बाजी मारने में कामयाब रही. भारतीय टीम ने नेपाल को 42-37 से हराकर टूर्नामेंट की शुरुआत की थी. इसके बाद ब्राजील को 64-34 से हराया. वहीं, पेरू के खिलाफ 70-38 से जीत अपने नाम की. फिर भूटान को भी 71-34 से हराया.
वहीं, नॉकआउट मुकाबलों में भी टीम इंडिया ने एकतरफा अंदाज में जीत हासिल की. उसने क्वाटरफाइनल में श्रीलंका को 100-40 के अंतर से हराया. इसके बाद सेमीफाइनल में साउथ अफ्रीका के खिलाफ 60-18 से बाजी मारी. इस दमदार प्रदर्शन के चलते भारत की पुरुष टीम ने फाइनल में जगह बनाई.