इस वर्ष नई दिल्ली के 76वें कर्तव्य पथ पर गणतंत्र दिवस की झांकी की थीम स्वर्णिम भारत:विरासत और विकास है. इस मौके पर गुजरात की ओर से विशेष झांकी प्रस्तुत की जा रही है. यह न केवल राज्य, बल्कि राष्ट्र की सांस्कृतिक धरोहर और विकास को अत्यंत प्रभावी तरीके से साकार करेगी. गुजरात की झांकी में 12वीं सदी के वडनगर यानी आनर्तपुर के सोलंकी कालीन कीर्ति तोरण से लेकर 21वीं सदी का अजूबा स्टैच्यू ऑफ यूनिटी की सांस्कृतिक विरासत के साथ-साथ रक्षा, टेक्नोलॉजी, ऑटोमोबाइल और मैन्युफैक्चरिंग क्षेत्र में राज्य की आत्मनिर्भरता को प्रदर्शित करती विभिन्न विकास परियोजनाओं का प्रभावशाली निदर्शन किया गया है.
गुजरात की झांकी के अगले हिस्से में सोलंकी काल में निर्मित वडनगर स्थित 12वीं सदी का गुजरात का सांस्कृतिक प्रवेशद्वार कहा जाने वाला कीर्ति तोरण है, तो अंत में 21वीं सदी की शान, 182 मीटर ऊंची सरदार पटेल की प्रतिमा स्टैच्यू ऑफ यूनिटी को दर्शाया गया है, जो दुनिया की सबसे ऊंची प्रतिमा है. इन दोनों विरासतों के बीच गुजरात में विभिन्न क्षेत्रों में हुए शानदार विकास की प्रतिकृतियां हैं. जिसमें रक्षा, टेक्नोलॉजी, ऑटोमोबाइल और मैन्युफैक्चरिंग क्षेत्र में आत्मनिर्भर भारत के तहत गुजरात की विभिन्न परियोजनाओं को दर्शाया गया है.
भगवान बिरसा मुंडा की 150वीं जयंती के अवसर पर गुजरात के जनजातीय गौरव को प्रदर्शित करती पिथोरा चित्रों की शृंखला, पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी की 100वीं जयंती के प्रतीक के रूप में साबरमती रिवरफ्रंट के दोनों तटों को जोड़ने वाला अटल ब्रिज, द्वारका और शिवराजपुर बीच में आकार लेने वाले अंडर वाटर स्पोर्ट्स की गतिविधियों के साथ मिट्टी और शीशे से बनी कच्छी कलाकृतियां झांकी को चार चांद लगा रही हैं.
गुजरात की झांकी के अग्रभाग में यूनेस्को की हेरिटेज साइट में शामिल आनर्तपुर यानी मौजूदा वडनगर शहर में स्थित 12वीं सदी का सोलंकी कालीन कीर्ति तोरण दर्शाया गया है. इसके चारों ओर मिट्टी और शीशे से निर्मित कच्छी कलाकृतियों के साथ जनजातीय देव बाबा पिथोरा की स्मृति में रेखांकित पिथोरा चित्रों की शृंखला को प्रदर्शित किया गया है.
झांकी के पिछले भाग में रक्षा-टेक्नोलॉजी क्षेत्र में आत्मनिर्भर भारत की परियोजनाओं में से एक वडोदरा में टाटा एडवांस्ड सिस्टम्स लिमिटेड द्वारा तैयार होने वाले भारतीय वायुसेना के सी-295 एयरक्राफ्ट की यूनिट, उसके नीचे अहमदाबाद के साबरमती रिवरफ्रंट के दोनों तटों को जोड़ने वाला अटल ब्रिज है, जिसे इंजीनियरिंग का चमत्कार कहा जाता है. गुजरात में भारी निवेश के साथ सेमीकंडक्टर उत्पादन क्षेत्र की सफलता को दिखाते सेमीकंडक्टर चिप और उससे जुड़े विभिन्न उपकरण और उसके नीचे ऑटोमोबाइल-मैन्युफैक्चरिंग हब के रूप में स्थापित हो रहे गुजरात के ऑटो और मशीन उद्योग को दर्शाया गया है.
झांकी के अंतिम हिस्से में सरदार वल्लभभाई पटेल की 150वीं जयंती के मौके पर उन्हें स्मरणांजलि के रूप में 21वीं सदी की शान और देश भर के किसानों से एकत्रित किए गए लोहे से निर्मित सरदार वल्लभभाई पटेल की 182 मीटर ऊंची प्रतिमा स्टैच्यू ऑफ यूनिटी को दर्शाया गया है, जो दुनिया की सबसे ऊंची प्रतिमा है. इसके नीचे के हिस्से में जगत मंदिर द्वारका की पवित्र भूमि और शिवराजपुर बीच में आकार लेने वाले अंडर वाटर स्पोर्ट्स की गतिविधियों को प्रदर्शित किया गया है. इस दृश्य-श्रव्य प्रस्तुति की सामग्री प्रतिष्ठित चैनल डिस्कवरी द्वारा उपलब्ध कराई गई है.
गुजरात की इस झांकी को और अधिक आकर्षक बनाने के लिए पारंपरिक लेकिन अर्वाचीन दोहे के साथ राज्य के जोशीले मणियारा रास को जीवंत नृत्य के साथ प्रस्तुत किया गया है. इस वर्ष गणतंत्र दिवस की परेड में 14 राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों के साथ-साथ केंद्र सरकार के विभिन्न विभागों की 16 झांकियों समेत कुल 30 झांकियां प्रदर्शित की जाएंगी. गणतंत्र दिवस समारोह में रिपब्लिक ऑफ इंडोनेशिया के राष्ट्रपति प्रबोवो सुबियांतो मुख्य अतिथि के रूप में उपस्थित रहेंगे.
गुजरात सरकार के सूचना विभाग की ओर से प्रस्तुत इस झांकी के निर्माण में सूचना एवं प्रसारण सचिव अवंतिका सिंह औलख, सूचना निदेशक किशोर बचाणी और अतिरिक्त निदेशक अरविंद पटेल के मार्गदर्शन में संयुक्त सूचना निदेशक डॉ. संजय कचोट और उप सूचना निदेशक जिगर खूंट योगदान दे रहे हैं. इस झांकी का निर्माण स्मार्ट ग्राफ आर्ट एडवरटाइजिंग प्राइवेट लिमिटेड के सिद्धेश्वर कानूगा कर रहे हैं.