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धार्मिक

जून से चार माह शुभ कार्यों पर विराम शुरू होगा चातुर्मास

 हिंदू धर्म में मुंडन, विवाह, गृहप्रवेश सहित आदि मांगलिक कार्य मुहूर्त देखकर ही किए जाते हैं। मुहूर्त न होने पर इन मांगलिक कार्यों को कुछ दिनों के लिए आगे बढ़ा दिया जाता है। अर्थात शुभ व मांगलिक कार्यों पर विराम लग जाता है। इस माह जून में अब 15 दिन ही विवाह के मुहूर्त शेष हैं। जून के अंतिम सप्ताह में देवशयनी एकादशी होने से पांच महीनों के लिए विवाह आदि मांगलिक कार्यों पर रोक लग जाएगी। देवशयनी एकादशी से ही चातुर्मास भी लग जाएगा। ज्योतिषाचार्य आलोक उपाध्याय ने बताया कि देवशयनी एकादशी से चातुर्मास का प्रारंभ होता है। इस साल देवशयनी एकादशी 29 जून को है। इस दिन से भगवान विष्णु देवोत्थानी एकादशी तक के लिए योग निद्रा में चले जाएंगे। फिर वे देवउठनी एकादशी को योग निद्रा से बाहर आएंगे, तब चातुर्मास का समापन होगा। देवउठनी एकादशी 23 नवंबर को है। इस तरह से चातुर्मास 30 जून से लगेगा और 23 नवंबर को खत्म हो जाएगा। शुक्ला ने बताया कि इस बार श्रावण पुरुषोत्तम मास होने की वजह से दो माह तक है, इसलिए चातुर्मास की अवधि पांच माह होगी। इस दौरान सभी मांगलिक कार्य बंद रहेंगे।

-पांच माह तक नहीं होंगे विभिन्न मांगलिक कार्य

जून में विवाह के लिए कई शुभ मुहूर्त हैं, जबकि गृह प्रवेश के लिए सिर्फ एक मुहूर्त है। विवाह के लिए तीन से 29 जून तक 15 शुभ मुहूर्त हैं। वहीं गृह प्रवेश के लिए 12 जून का दिन अच्छा है। संपत्ति खरीदने के शुभ मुहूर्त 22, 23 और 29 जून को हैं। वाहन खरीदने के शुभ मुहूर्त आठ, नौ, 12, 21, 26, 28 और 29 जून को हैं। मुंडन संस्कार के लिए आठ जून, उपनयन संस्कार के लिए पांच और आठ जून तथा नामकरण संस्कार के लिए आठ, 12, 14 और 21 जून को शुभ मुहूर्त हैं।

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