बिहार सरकार ने शुक्रवार को भारतीय पुलिस सेवा के 8 अधिकारियों का प्रमोशन किया है. बिहार सरकार के गृह विभाग ने इस प्रमोशन को लेकर अधिसूचना भी जारी कर दी है. इन 8 अधिकारियों में एक नाम ऐसा भी है, जो चर्चित रहा है. प्रमोशन की टाइमिंग पर बिहार में सियासी चर्चा शुरू हो गई है. बिहार सरकार ने जिन 8 आईपीएस को प्रमोशन दिया है, उनमें कभी जनता दल यूनाइटेड के सर्वेसर्वा रहे आरसीपी सिंह की बेटी लिपि सिंह का भी नाम है. यह वही लिपि सिंह हैं, जिन्होंने कभी बाहुबली अनंत सिंह को गिरफ्तार किया था.
गौर करने वाली बात है कि यह प्रमोशन तब हुआ है, जब अनंत सिंह की बेल की याचिका चंद रोज पहले ही खारिज हुई है. प्रमोशन पाने वाले अन्य आइपीएस में अमितेश कुमार, अशोक मिश्रा, किरण कुमार गोरख जाधव, शैशव यादव, विद्यासागर, राजेश कुमार और अनंत कुमार राय हैं.
कभी नीतीश के खास थे आरसीपी
अनंत सिंह को बेल नहीं मिलने और लिपि सिंह का प्रमोशन होने के बाद अनंत सिंह के समर्थकों में बेचैनी है. जबकि लिपि सिंह के प्रमोशन को बिहार में सियासी समीकरण से जोड़कर के देखा जा रहा है. बिहार की राजनीति में यह सर्वविदित है कि लिपि सिंह के पिता आरसीपी सिंह कभी सीएम नीतीश कुमार के खास रह चुके हैं. हालांकि यह बात अलग है कि आरसीपी सिंह ने सीएम नीतीश कुमार के साथ अपने रिश्तों में खटास आने के बाद अलग राह बना ली थी और खुद की पार्टी का गठन किया. वो बिहार में इस साल होने वाले विधानसभा चुनाव की तैयारी भी कर रहे हैं. इसके लिए वह पूरे बिहार में दौरा भी कर रहे हैं.
लदमा में मारी थी रेड
ये वही लिपि सिंह हैं, जिन्होंने बाढ अनुमंडल की एएसपी रहने के दौरान अनंत सिंह के पैतृक गांव लदमा में छापा मारा था. उस छापे में अनंत सिंह के घर से एक-47, कारतूस और देसी बम बरामद किए गए थे. इसी आधार पर लिपि सिंह ने अनंत सिंह पर यूएपीए के तहत मामला भी दर्ज किया था. हालांकि, तब अनंत सिंह पुलिस की पकड़ में नहीं आए थे और उन्होंने दिल्ली की साकेत कोर्ट में आत्मसमर्पण कर दिया था.
पटना के एमपी-एमएलए कोर्ट ने तीन साल पहले उन्हें दोषी करार देते हुए 10 साल की सजा सुनाई थी. इस पूरे मामले की जांच बाढ अनुमंडल की तात्कालीन एएसपी लिपि सिंह ने ही की थी. लिपि सिंह नालंदा जिले की पहली महिला आईपीएस अधिकारी हैं. उनके पति सुहर्ष भगत भी आईएएस अधिकारी हैं. वो 2015 बैच के आईएएस हैं.