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स्कूल में दूषित पानी की समस्या को देख पिघला आशा कार्यकर्ता का दिल, दान कर दी इकलौती जमा पूंजी

कर्नाटक के हावेरी में आशा कार्यकर्ता ने पीने के पानी की सुविधा के लिए गृहलक्ष्मी योजना के पैसे स्कूल को दान कर दिए. उन्होंने 12 महीने मिली योजना की धनराशि को इकट्ठा कर स्कूल को दिया है. आशा कार्यकर्ता की इस सराहनीय पहल की हर कोई तारीफ कर रहा है. राज्य में कांग्रेस के सत्ता में आते ही गृहलक्ष्मी योजना का पैसा महिलाओं के खातों में पहुंच रहा है. कई लोग इस पैसे का उपयोग कई चीजों के लिए कर रहे हैं.

हावेरी जिले के रानेबेन्नूर तालुका के आयरनी गांव की आशा कार्यकर्ता गंगम्मा बडिगर ने गृहलक्ष्मी योजना के पैसे को गांव के सरकारी उच्च प्राथमिक विद्यालय में दान कर दिया. उन्होंने स्कूल में बच्चों के पीने के पानी के लिए ये धनराशि दान की है. आशा कार्यकर्ता गंगम्मा ने 12 महीनों में 24 हजार रुपये इकट्ठा किया था. उन्होंने यह सभी रकम स्कूल को दान में दे दी.

पानी और स्मार्ट क्लास के लिए दिया दान

मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, आयरनी गांव के राजकीय उच्च प्राथमिक विद्यालय में 100 से अधिक छात्र पढ़ते हैं. आशा कार्यकर्ता गंगम्मा जब स्कूल पहुंची तो उन्होंने देखा कि बच्चों को स्वच्छ पेयजल की समस्या हो रही है. साथ ही स्कूल में स्मार्ट क्लास की कमी उन्हें नजर आई. इसके बाद उन्होंने स्कूल में बातचीत की और जो गृहलक्ष्मी योजना का पैसा उन्होंने बचाया था, उसे बच्चों के लिए एक स्मार्ट क्लास या पेयजल इकाई बनाने के लिए दान कर दिया.

12 महीनों में इकट्ठा किए 24 हजार

गंगम्मा आशा कार्यकर्ता के रूप में काम करती हैं. उन्होंने सरकार की गृहलक्ष्मी योजना से 12 महीने की 24 हजार रुपये धनराशि बचाकर स्कूल को दान की है. यह धनराशि स्कूल को बच्चों की शिक्षा को बढ़ावा देने के लिए दी गई है. प्रधानाध्यापक ने कहा कि गंगम्मा द्वारा दी गई धनराशि का उपयोग स्कूल के बच्चों के लिए स्मार्ट कक्षाएं या पेयजल इकाइयां खरीदकर किया जाएगा. गंगम्मा की इस पहल को जिसने सुना वह उनकी सराहना कर रहा है.

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