ब्रेकिंग
छत्तीसगढ़ के कर्मचारियों को दीपावली गिफ्ट, 17-18 अक्टूबर को वेतन, दैनिक वेतनभोगियों को भी भुगतान जैसलमेर हादसा: 'मानक ताक पर रखकर बनी थी बस', जांच कमेटी ने माना- इमरजेंसी गेट के सामने लगाई गई थी सी... 'कांतारा चैप्टर 1' ने किया गर्दा! 15 दिन में वर्ल्डवाइड ₹679 करोड़ पार, विक्की कौशल की 'छावा' से महज... वेनेजुएला पर ऑपरेशन से तनाव: दक्षिणी कमान के प्रमुख एडमिरल होल्सी ने कार्यकाल से पहले दिया इस्तीफा, ... शेयर बाजार में धन वर्षा! सिर्फ 3 दिनों में निवेशकों की संपत्ति ₹9 लाख करोड़ बढ़ी, सेंसेक्स और निफ्टी... त्योहारी सीजन में सर्वर हुआ क्रैश: IRCTC डाउन होने से टिकट बुकिंग रुकी, यात्री बोले- घर कैसे जाएंगे? UP पुलिस को मिलेगी क्रिकेटरों जैसी फिटनेस! अब जवानों को पास करना होगा यो-यो टेस्ट, जानिए 20 मीटर की ... दिन में सोना अच्छा या बुरा? आयुर्वेद और आधुनिक विज्ञान क्या कहता है, किन लोगों को नहीं लेनी चाहिए 'द... प्रदूषण का 'खतरा' घर के अंदर भी! बढ़ते AQI से बचने के लिए एक्सपर्ट के 5 आसान उपाय, जानें कैसे रखें ह... शरीयत में बहुविवाह का नियम: क्या एक मुस्लिम पुरुष 4 पत्नियों के होते हुए 5वीं शादी कर सकता है? जानें...
मध्यप्रदेश

मौसम के बदलने से टायफायड सर्दी-खांसी व मलेरिया के मरीज बढ़े अस्पताल में गद्दे बिछाकर हो रहा इलाज

भिंड । मौसम में हो रहे उतार-चढ़ाव का असर लोगों की सेहत पर दिखाई दे रहा है। मौसमी बीमारियां तेजी से पैर पसार रही हैं। ऐसे में जिला अस्पताल सहित निजी अस्पतालों में मरीजों की संख्या बढ़ने लगी हैं।

जिला अस्पताल में इन दिनों मौसमी बीमारियों से ग्रसित मरीजों की संख्या बढ़ रही है। डाक्टरों की मानें तो बदलते मौसम के कारण टायफायड, सर्दी-खांसी, मलेरिया जैसी बीमारियों के मरीज आ रहे हैं। बीते एक सप्ताह में रोगियों की संख्या में इजाफा हुआ है। बारिश के सीजन में सर्दी-खांसी, बुखार, मलेरिया और डेंगू जैसी घातक बीमारियां तो होती ही हैं साथ ही स्किन की समस्याएं सबसे ज्यादा होती हैं।

फंगल और बैक्टीरियल इन्फेक्शन, घमौरियां, रैशेज जैसी दिक्कतें होना आम बात है। उमस से बैक्टीरिया और वायरस तेजी से सक्रिय हो जाते हैं। इतना ही नहीं, बारिश के दिनों में जहां जमीन के अंदर रहने वाले जीव-जंतु बाहर निकलने लगते हैं। वहीं लोगों को काटे जाने के मामले में देखे जाने लगे हैं।

जमीन पर गद्दे बिछाकर किया जा रहा इलाज

मरीजों की संख्या बढ़ने की वजह से इन दिनों महिला और पुरुष वार्ड के पलंग फुल हैं। ऐसे में अस्पताल में भर्ती होने वाले लोगों को जमीन पर गद्दे बिछाकर उनका इलाज किया जा रहा है।

ऐसे खुद को बचाएं

शरीर को जितना हो सूखा व फ्रेश रखें, हल्के और हवादार कपड़े पहनें ऐसे कपड़े न पहनें जो रंग छोड़ते हों, कपड़े धोते वक्त साबुन ठीक से निकालें, एंटी बैक्टीरियल साबुन का प्रयोग करें। शहर के कुछ हिस्सों में दूषित पानी सप्लाई की समस्या देखने को मिल रही है। बारिश के दिनों ये समस्या अधिक बढ़ चुकी है।

दूषित पानी पीने से टायफायड और पीलिया जैसी बीमारियां हो रही हैं। बारिश के मौसम में मच्छरों की संख्या में काफी तेज गति से इजाफा होने लगता है। घरों के आसपास जमा पानी मलेरिया और डेंगू के मच्छर को जन्म देता है, जिससे मलेरिया और डेंगू जैसी घातक बीमारियां बढ़ने लगी हैं।

आईफ्लू के मरीजों की कम हुई संख्या

जिला अस्पताल में आईफ्लू के मरीजों की संख्या कम हुई तो अब बुखार और खुजली के मरीजों की संख्या अचानक बढ़ने लगी है। डॉक्टरों ने कहा कि आई फ्लू के मरीजों की संख्या कम हो रही है, लेकिन बुखार के मरीजों की संख्या बढ़ी है। इन दिनों मौसम में बदलाव हो रहा है। इसकी चपेट में आने से ही लोग बीमार हो रहे हैं। रात को होने वाली नमी से इस समय बचने की जरूरत है।

बारिश के दिनों में मौसमी बीमारियां पैर पसारने लगती हैं। ऐसे में हम सभी को अपने स्वास्थ्य का ख्याल रखना चाहिए। जिला अस्पताल में मरीजों को बेहतर स्वास्थ्य सुविधाएं मिल सकें, इसके लिए हर संभव प्रयास किए जा रहे हैं।

डा अनिल गोयल, सिविल सर्जन भिंड

Related Articles

Back to top button