ब्रेकिंग
हरदोई: गुटखा थूकने पर बवाल, भिड़े दो गुट… लहराई राइफल; चार युवकों को उठा ले गई पुलिस ‘हैलो, CBI अधिकारी बोल रहा हूं…’ लखनऊ में 100 साल के बुजुर्ग और बेटे को 6 दिन तक रखा ‘कैद’, ठगे 1.29... साइबर सिटी गुरुग्राम के इन 2 इलाकों पर चला बुलडोजर, 3 कॉलोनियां की ध्वस्त 14 दिन में Rajinikanth की फिल्म ने पार किए 500 करोड़, खतरे में पद्मावत-सैयारा का रिकॉर्ड 3 जून ने हमें बहुत खुशी दी, लेकिन 4 जून को सब बदल गया… RCB ने तीन महीने के बाद क्यों तोड़ी चुप्पी? ईरान के लोग राजधानी तेहरान को छोड़ इन इलाकों में क्यों खरीद रहे हैं घर? क्या महंगी होने वाली है चांदी? 3 दिन बाद बदलने वाला है ये नियम आपकी लापरवाही, हैकर्स की कमाई! OTP और कार्ड के भी बिना खाली हो सकता है अकाउंट दाईं और बाईं सूंड वाले गणपति, घर और मंदिर में क्यों रखी जाती हैं अलग-अलग तरह की प्रतिमाएं? चिया या फ्लैक्स सीड्स, वजन घटाने के लिए दोनों में से क्या है ज्यादा फायदेमंद?
धार्मिक

मां चंद्रघंटा को समर्पित नवरात्र का तीसरा दिन, नोट करें शुभ मुहूर्त, पूजा विधि और मंत्र

इंदौर।  हिंदू धर्म में शक्ति की आराधना के लिए नवरात्र के नौ दिन शुभ माने जाते हैं। माना जाता है कि जो व्यक्ति सच्चे मन से मां दुर्गा की पूजा करता है उस पर पूरे साल मां की कृपा बनी रहती है। शारदीय नवरात्र का पावन पर्व आश्विन मास के शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा यानी रविवार 15 अक्टूबर 2023 को शुरू हो चुका है। यह 24 अक्टूबर 2023 मंगलवार तक मनाया जाएगा। नवरात्र का तीसरा दिन मां चंद्रघंटा को समर्पित होता है। 17 अक्टूबर को मां चंद्रघंटा की पूजा की जाएगी। माना जाता है कि माथे पर चंद्रमा को धारण करने वाली मां दुर्गा के इस रूप की पूजा करने से व्यक्ति हमेशा संकटों से बचा रहता है।

मां चंद्रघंटा पूजा विधि

इस दिन सुबह स्नान करें और साफ कपड़े पहनें। फिर मां चंद्रघंटा का ध्यान और स्मरण करें। माता चंद्रघंटा की मूर्ति को लाल या पीले कपड़े पर रखें। मां को कुमकुम और अक्षत का लगाएं। विधिपूर्वक मां की पूजा करें। मां चंद्रघंटा को पीला रंग प्रिय होता है। उन्हें पीले फूल अर्पित करें। मां चंद्रघंटा देवी को मिठाई और दूध से बनी खीर बहुत पसंद है। देवी चंद्रघंटा की पूजा के दौरान मंत्रों का जाप करें। दुर्गा सप्तशती और चंद्रघंटा माता की आरती का पाठ करें। देवी के इस रूप की पूजा करने से मानसिक शांति मिलती है। रात्रि के समय भी माता की आरती और ध्यान करें।

मां चंद्रघंटा मंत्र

पिण्डजप्रवरारूढ़ा ण्डकोपास्त्रकेर्युता।

प्रसादं तनुते मह्यं चंद्रघण्टेति विश्रुता॥

या देवी सर्वभूतेषु मां चंद्रघंटा रूपेण संस्थिता।

नमस्तस्यै, नमस्तस्यै, नमस्तस्यै, नमो नम:।।

शुभ मुहूर्त

ब्रह्म मुहूर्त – सुबह 04.27 से सुबह 05.00 बजे तक।

अभिजीत मुहूर्त – सुबह 11.29 से दोपहर 12.00 बजे तक।

विजय मुहूर्त – दोपहर 01.47 से दोपहर 02.33 बजे तक।

गोधूलि मुहूर्त – शाम 05.37 से शाम 06.02 बजे तक।

डिसक्लेमर

‘इस लेख में दी गई जानकारी/सामग्री/गणना की प्रामाणिकता या विश्वसनीयता की गारंटी नहीं है। सूचना के विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/धार्मिक मान्यताओं/धर्मग्रंथों से संकलित करके यह सूचना आप तक प्रेषित की गई हैं। हमारा उद्देश्य सिर्फ सूचना पहुंचाना है, पाठक या उपयोगकर्ता इसे सिर्फ सूचना समझकर ही लें। इसके अतिरिक्त इसके किसी भी तरह से उपयोग की जिम्मेदारी स्वयं उपयोगकर्ता या पाठक की ही होगी।’

Related Articles

Back to top button