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नाइजीरिया में किडनैपिंग का खेल-सरकार फेल, 300 बच्चों के बाद अब निशाने पर दो गांव

अफ्रीका के गरीब देश नाइजीरिया में इस वक्त हर तरफ से मुसीबत आई हुई है. देश में गृह युद्ध जैसे हालात बने हुए हैं, लुटेरे ग्रुप, बोको-हराम और IS जैसे कई आर्म ग्रुप देश में आए दिन हमले करते रहते हैं. देश में आर्थिक संकट भी अपने चरम पर पहुंच चुका है. नाइजीरिया सरकार नागरिकों की सुरक्षा करने में बेबस दिखाई दे रही है. हाल ही में उत्तरी नाइजीरिया से एक सामूहिक अपहरण का मामला सामने आया है. जिसमें एक सशस्त्र गिरोहों ने करीब 100 ग्रामीणों को उनके घरों से किडनैप किया है.

न्यूज एजेंसी AP के मुताबिक पिछले एक हफ्ते में सशस्त्र गिरोहों ने दो गांवों पर हमला किया है और करीब 100 लोगों का अपहरण कर लिया है. न्यूज एजेंसी को काजुरू के प्रतिनिधि उस्मान दल्लामी स्टिंगो ने बताया कि बंदूकधारियों ने शनिवार और रविवार को कडुना राज्य के काजुरु परिषद क्षेत्र में ‘डोगोन नोमा’ समुदाय पर हमला किया और समुदाय की 14 महिलाओं समेत 87 लोगों को पकड़ कर ले गए.

पहले हुआ था 300 छात्रों का अपहरण

कडुना राज्य वहीं क्षेत्र है जहां पहले करीब 300 स्कूली बच्चों का अपहरण कर लिया गया था. इस समूहिक अपहरण का इल्जाम भी नइजीरिया में सामूहिक हत्याओं और अपहरणों के लिए जाने जाने वाले लुटेरे समूहों पर लगाया जा रहा है. उस्मान दल्लामी स्टिंगो न्यूज एजेंसी को बताया कि यहां कहीं भी सुरक्षा बलों की मौजूदगी नहीं है, इतनी बड़ी संख्या में अपहरण होने के बाद भी यहां कोई सुरक्षा कर्मी नहीं आया है. स्टिंगो ने नाइजीरिया के दूर-दराज वाले इलाकों में सुरक्षा की कमी को लेकर चिंता जाहिर की है.

सरकार का क्या है रुख?

पिछले साल किडनैप हुए बच्चों को छोड़ाने के बदले फिरोती मांगी गई थी. जिसपर नाइजीरिया के राष्ट्रपति बोला टीनुबू ने इनकार कर दिया था. ताजा अपहरण पर टीनूबू की सरकार ने अभी कोई बयान नहीं दिया है. इन बच्चों का कोई सुराग भी नहीं है. बता दें कि टिनुबू सरकार अभी तक देश को आर्थिक और सैन्य संकट से निकालने में आसमर्थ रही है.

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