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फीका हो सकता है आपका ‘गाजर का हलवा’, इस वजह से महंगी होगी चीनी

पश्चिमी उत्तर प्रदेश और महाराष्ट्र के कई जिलों में ट्रैक्टर की ट्राली पर लदा हुआ गन्ना चीनी मिल की ओर जाता हुआ आपको आसानी से दिखाई दे जाएगा, लेकिन इस बार इन ट्रैक्टरों की संख्या काफी कम है. ऐसे में सर्दी के मौसम में बनने वाले गाजर के हलवे की मिठास कम हो सकती है.

आपको बता दें हाल ही में जैव-ऊर्जा निर्माता संघ (ISMA) की एक रिपोर्ट सामने आई है, जिसमें बताया गया है कि अक्टूबर से शुरू होने वाली चीनी मार्केट ईयर की पहली तिमाही यानी अक्टूबर 2024 से दिसंबर 2024 के बीच चीनी का प्रोडक्शन 16 फीसदी कम हुआ है, जिसका असर आने वाले दिनों में चीनी की कीमतों पर दिखाई दे सकता है.

तीन महीने में कितना हुआ चीनी का प्रोडक्शन

ISMA की रिपोर्ट के अनुसार, अक्टूबर 2024 से दिसंबर 2024 के बीच चीनी मार्केट की पहली तिमाही में 16 फीसदी कम चीनी का उत्पादन हुआ है. आपको बता दें बीते साल इसी समय अवधि में 113.01 लाख टन चीनी का उत्पादन हुआ था, जो इस साल घटकर 95.40 लाख टन रह गया.

क्यों घटा चीनी का उत्पादन

ISMA की रिपोर्ट के अनुसार, देश में चीनी उत्पादन में उत्तर प्रदेश का योगदान सबसे ज्यादा है. रिपोर्ट में बताया गया है कि उत्तर प्रदेश, महाराष्ट्र और कर्नाटक में गन्ने की पेराई दर पिछले साल की तुलना में बेहतर रही है, लेकिन पिछले कुछ दिनों में उत्तर प्रदेश में बारिश की वजह से गन्ने की पेराई प्रभावित हुई है, जिससे वजह से चीनी का उत्पादन कम हुआ है.

512 की जगह 493 चीनी मिल चालू

ISMA के अनुसार 2023 में अक्टूबर से दिसंबर के बीच 512 चीनी मिल में गन्ने की पेराई हो रही थी, लेकिन इस बार अक्टूबर 2024 से दिसंबर 2024 के बीच केवल 493 चीनी मिल में ही गन्ने की पेराई की जा रही है. चीनी उत्पादन मार्केट ईयर 2024-25 (सितंबर-अक्टूबर) के बीच पहली तिमाही में चीनी उत्पादन घटकर 32.80 लाख टन रह गया, जो एक साल पहले इसी अवधि में 34.35 लाख टन था.

चीनी उत्पादन में महाराष्ट्र दूसरे नंबर पर

उत्तर प्रदेश के बाद अगर किसी राज्य में सबसे ज्यादा चीनी का उत्पादन होता है तो वो महाराष्ट्र है. यहां इस चीनी फाइनेंशियल मार्केट ईयर में 30 लाख टन चीनी का उत्पादन हुआ है, जो कि इस समान समय अवधी में पिछले चीनी फाइनेंशियल मार्केट ईयर में 38.20 लाख टन था. वहीं कर्नाटक में भी 24.91 लाख टन से चीनी उत्पादन घटकर 20.40 लाख टन पर पहुंच गया है. अगर आने वाले दिनों में ऐसे ही चीनी का उत्पादन कम रहा तो रिटेल और होल सेल मार्केट में चीनी की कीमत बढ़ सकती हैं.

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