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मध्यप्रदेश

जबलपुर: अंगदान की मिसाल बना परिवार, दो किडनी कर दी दान… अब डोनर का राजकीय सम्मान से होगा अंतिम संस्कार

मध्य प्रदेश के जबलपुर में एक अभूतपूर्व पहल के तहत दो ग्रीन कॉरिडोर बनाए गए, जिससे एक मृत व्यक्ति के अंगों को जरूरतमंद मरीजों तक समय पर पहुंचाया जा सके. भेड़ाघाट शिल्पी नगर के रहने वाले पूरण सिंह तीन दिन पहले एक हादसे का शिकार हो गए. इसके बाद उन्हें मेडिकल अस्पताल में भर्ती कराया गया था, लेकिन डॉक्टरों की पूरी कोशिशों के बावजूद उनकी जान नहीं बच सकी.

पूरण सिंह चौधरी के निधन के बाद उनके परिवार ने एक बड़ा और प्रेरणादायक फैसला लिया. उन्होंने उनके अंगों को दान करने का निर्णय लिया. इस फैसले से न केवल दो जरूरतमंद मरीजों को जीवनदान मिलेगा, बल्कि उनकी आंखों और त्वचा का भी दान किया जा रहा है, जिससे कई और लोगों को लाभ होगा. अंगों को जल्द से जल्द जरूरतमंद मरीजों तक पहुंचाने के लिए जबलपुर जिला प्रशासन और पुलिस विभाग ने दो ग्रीन कॉरिडोर बनाए.

दो ग्रीन कॉरिडोर बनाए गए

पहला कॉरिडोर सुपर स्पेशलिटी मेडिकल अस्पताल से डुमना एयरपोर्ट तक तैयार किया गया, जहां से एयर एम्बुलेंस के माध्यम से एक किडनी को इंदौर भेजा गया. दूसरा कॉरिडोर मेडिकल अस्पताल से जबलपुर के एक निजी अस्पताल तक तैयार किया गया, जहां दूसरी किडनी का प्रत्यारोपण किया जाएगा. ग्रीन कॉरिडोर को सुचारू रूप से संचालित करने के लिए शहर भर में सुरक्षा के कड़े इंतजाम किए गए थे.

‘समय का होता विशेष महत्व’

पुलिस प्रशासन ने इस अभियान में पूरी मुस्तैदी दिखाई. यातायात को नियंत्रित करने के लिए सीएसपी यातायात बैजनाथ प्रजापति के निर्देशन में 150 से अधिक पुलिसकर्मियों और विभिन्न स्थानों पर सुरक्षा गार्डों की तैनाती की गई. ऑर्गन ट्रांसप्लांट को सफल बनाने में मेडिकल टीम की भी भूमिका अहम रही. नेताजी सुभाषचंद्र बोस मेडिकल कॉलेज के डीन नवनीत सक्सेना ने बताया कि अंगदान की प्रक्रिया अत्यंत संवेदनशील होती है और इसमें समय का विशेष महत्व होता है.

अंगदान ऐतिहासिक फैसला

अस्पताल प्रशासन ने इस कार्य को प्राथमिकता देते हुए हर संभव सुविधा उपलब्ध कराई. रीजनल हेल्थ डायरेक्टर संजय मिश्रा ने बताया कि यह पहल जबलपुर के लिए ऐतिहासिक है. यह घटना पूरे समाज को अंगदान के प्रति प्रेरित करने का कार्य करेगी. इस घटना ने साबित किया कि जब मानवता की सेवा की बात आती है, तो संस्कारधानी जबलपुर हमेशा अग्रणी रहती है. पूरण सिंह चौधरी का यह योगदान उन्हें हमेशा याद रखा जाएगा.

राजकीय सम्मान से अंतिम संस्कार

इसके साथ ही प्रशासन में पूरन सिंह के शव का राजकीय सम्मान के साथ अंतिम संस्कार करने का फैसला लिया. अंगदान करने वाले पूरण सिंह चौधरी को शहर ने सम्मान दिया. उनका अंतिम संस्कार राजकीय सम्मान के साथ गृह ग्राम शिल्पी नगर भेड़ाघाट में किया जा रहा है, जिससे समाज में अंगदान को लेकर जागरूकता बढ़े. परिजनों की सहमति और सहयोग ने यह संभव बनाया. पूरण सिंह चौधरी के परिजन हैं माधव शरण ने भावुक होते हुए कहा, हमारे पूरण भले ही अब हमारे बीच नहीं हैं, लेकिन उनके अंगों से किसी की जिंदगी रोशन हो सके, इससे बड़ा पुण्य कुछ नहीं हो सकता.

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