Breaking
लोकसभा चुनाव 2024: दूसरे चरण की वो 54 सीटें, जो तय करेंगी 2024 के सत्ता का भविष्य ‘मना किया पर अब्बा नहीं माने…’, अतीक के बेटे का बयान खोलेगा उमेशपाल हत्याकांड का बड़ा राज लगता है मैं पिछले जन्म में बंगाल में पैदा हुआ था…मालदा में ऐसा क्यों बोले पीएम मोदी? 20 साल में सबसे ज्यादा सर्च किया गया Inheritance Tax, सैम पित्रोदा भी 5 साल में रहे टॉप पर कर्नाटक ही नहीं, इन 4 राज्यों में भी OBC में शामिल हैं सभी मुस्लिम, देश में क्या है व्यवस्था? Everest या MDH के मसाले ही नहीं, बादाम से अश्वगंधा तक इन 527 भारतीय प्रोडक्ट्स में भी मिला एथिलीन ऑक... अमेठी से राहुल और रायबरेली से प्रियंका गांधी लड़ेंगी चुनाव? अखिलेश ने खोल दिए पत्ते राजस्थान में ऑडियो टेप कांड पर पीएम मोदी का कांग्रेस पर हमला, कहा-युवाओं की क्षमता को बर्बाद कर दिया ‘जम्मू-कश्मीर मुश्किल समय में है, मैं बेजुबानों की आवाज बनने आई हूं’, राजौरी में बोलीं महबूबा मुफ्ती ऑफिस में लोग मुझे बुजुर्ग कहते, तंज कसते, आखिर 25 की उम्र में बदलवाने पड़े घुटने, एक युवा का दर्द

निधन के छह माह बाद कांग्रेस सांसद राजीव सातव के पक्ष में राष्ट्रपति रामनाथ कोविन्द ने दिया निर्णय, जानें क्‍या है मामला

नई दिल्ली। दिवंगत कांग्रेस नेता और राज्यसभा सदस्य राजीव सातव को उनके निधन के छह महीने बाद राष्ट्रपति रामनाथ कोविन्द ने उनके पक्ष में निर्णय दिया है। सातव को राज्यसभा की सदस्यता से अयोग्य घोषित करने से इन्कार करते हुए राष्ट्रपति की ओर से कहा गया कि उनके द्वारा आजीविका के लिए एक सरकारी कंपनी के साथ अनुबंध हासिल करना पद का दुरुपयोग नहीं है। राष्ट्रपति ने कहा कि सातव ने लोक प्रतिनिधित्व अधिनियम, 1951 की धारा 9ए के साथ पठित संविधान के अनुच्छेद 102(1)(ई) के तहत संसद सदस्य के लिए अयोग्य नहीं हैं।

राष्ट्रपति कोविन्द ने अयोग्य घोषित करने वाली मांग नहीं मानी

राष्ट्रपति ने इस अधिसूचना पर छह जनवरी को हस्ताक्षर किए थे। इसे शुक्रवार को प्रकाशित किया गया। उल्लेखनीय है सातव का कोरोना संबंधी समस्याओं से 16 मई, 2021 को निधन हो गया था। उस दौरान यह याचिका लंबित थी। यह मामला सितंबर 2020 का है, जब पवन जगदीश बोरा और दत्तात्रेय पांडुरंग अनंतवर ने संयुक्त रूप से एक सरकारी कंपनी के साथ अनुबंध रखने के आधार पर सातव को अयोग्य घोषित किए जाने की मांग करते हुए राष्ट्रपति के समक्ष याचिका दायर की।

सांसद बनने से पूर्व उन्होंने सरकारी कंपनी से किया था अनुबंध

उल्लेखनीय है कि सातव के पास इंडियन आयल कार्पोरेशन की डिस्ट्रीब्यूटरशिप थी। संयोग से याचिका में बोरा और अनंतवर कौन हैं, वे क्या करते हैं और कहां से ताल्लुक रखते हैं, के बारे में कोई उल्लेख नहीं किया गया। राष्ट्रति ने प्रासंगिक प्रविधान के तहत अक्टूबर 2020 में चुनाव आयोग से उसकी राय ली। चुनाव आयोग ने फरवरी 2021 में सातव को पत्र भेजकर जवाब मांगा। सातव ने मार्च 2021 में अपने जवाब में स्पष्ट किया कि उक्त अनुबंध का विवरण उनके नामांकन पत्र दाखिल करते समय घोषित किया गया था। वर्तमान मामला, चुनाव पूर्व अयोग्यता से संबंधित था, जो कि संविधान के अनुच्छेद 102 और 103 के दायरे के बाहर है।

लोकसभा चुनाव 2024: दूसरे चरण की वो 54 सीटें, जो तय करेंगी 2024 के सत्ता का भविष्य     |     ‘मना किया पर अब्बा नहीं माने…’, अतीक के बेटे का बयान खोलेगा उमेशपाल हत्याकांड का बड़ा राज     |     लगता है मैं पिछले जन्म में बंगाल में पैदा हुआ था…मालदा में ऐसा क्यों बोले पीएम मोदी?     |     20 साल में सबसे ज्यादा सर्च किया गया Inheritance Tax, सैम पित्रोदा भी 5 साल में रहे टॉप पर     |     कर्नाटक ही नहीं, इन 4 राज्यों में भी OBC में शामिल हैं सभी मुस्लिम, देश में क्या है व्यवस्था?     |     Everest या MDH के मसाले ही नहीं, बादाम से अश्वगंधा तक इन 527 भारतीय प्रोडक्ट्स में भी मिला एथिलीन ऑक्साइड     |     अमेठी से राहुल और रायबरेली से प्रियंका गांधी लड़ेंगी चुनाव? अखिलेश ने खोल दिए पत्ते     |     राजस्थान में ऑडियो टेप कांड पर पीएम मोदी का कांग्रेस पर हमला, कहा-युवाओं की क्षमता को बर्बाद कर दिया     |     ‘जम्मू-कश्मीर मुश्किल समय में है, मैं बेजुबानों की आवाज बनने आई हूं’, राजौरी में बोलीं महबूबा मुफ्ती     |     ऑफिस में लोग मुझे बुजुर्ग कहते, तंज कसते, आखिर 25 की उम्र में बदलवाने पड़े घुटने, एक युवा का दर्द     |    

पत्रकार बंधु भारत के किसी भी क्षेत्र से जुड़ने के लिए सम्पर्क करें