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मुंबई हमले के बाद आतंकी तहव्वुर राणा ने भारतीयों पर गुप्त चैट में कही थी ये बात

अमेरिका से भारत लाए गए मुंबई हमले के आरोपी तहव्वुर राणा पर अमेरिका का बयान सामने आया है. अमेरिका ने बताया है कि मुंबई में हमला पूरा होने के बाद, राणा ने कथित तौर पर हेडली से कहा कि भारतीय इसके हकदार थे. हेडली के साथ एक इंटरसेप्टेड बातचीत में राणा ने कथित तौर पर उन 9 लश्कर आतंकवादियों की सराहना की, जो हमले के दौरान मारे गए थे.

तहव्वुर राणा ने यह भी कहा कि उन्हें (आतंकियों) निशान-ए-हैदर दिया जाना चाहिए. ये पाकिस्तान का युद्ध में वीरता के लिए दिया जाने वाला सर्वोच्च पुरस्कार है, जो शहीद सैनिकों के लिए आरक्षित है.

आरोपी तहव्वुर राणा इस समय एनआईए की कस्टडी में है. उसे यूएपीए के तहत गिरफ्तार किया गया है. एनआईए उससे 18 दिनों तक पूछताछ करेगी. तहव्वुर राणा को भारत लाने में अमेरिकी अधिकारी और एनआईए ने अहम भूमिका निभाई है.

अमेरिका ने और क्या कहा?

अमेरिका ने कहा है कि हमलों ने पूरे विश्व को झकझोर दिया था और अमेरिका इनके लिए जिम्मेदार लोगों को न्याय के कटघरे में लाने के भारत के प्रयासों का लंबे समय से समर्थन करता रहा है. अमेरिकी विदेश मंत्रालय की प्रवक्ता टैमी ब्रूस ने कहा कि अमेरिका ने 64 वर्षीय राणा को मुंबई आतंकवादी हमलों के षड्यंत्र में उसकी भूमिका के कारण न्याय का सामना करने के लिए भारत प्रत्यर्पित किया.

उन्होंने कहा, अमेरिका ने इन हमलों के लिए जिम्मेदार लोगों को न्याय के कटघरे में लाने के भारत के प्रयासों का लंबे समय से समर्थन किया है और जैसा कि राष्ट्रपति ट्रंप ने कहा है, अमेरिका और भारत आतंकवाद के वैश्विक संकट से निपटने के लिए मिलकर काम करना जारी रखेंगे.

राणा को अमेरिका से गुरुवार को भारत लाया गया. दिल्ली के इंदिरा गांधी अंतरराष्ट्रीय (आईजीआई) एयरपोर्ट पर पहुंचने पर औपचारिक रूप से उसे गिरफ्तार करने के बाद पटियाला हाउस स्थित एनआईए की विशेष अदालत में पेश किया गया. अधिकारियों ने बताया कि राणा को सीजीओ कॉम्प्लेक्स स्थित एजेंसी के मुख्यालय के अंदर एक बेहद सुरक्षित कोठरी में रखा गया है.

कौन है तहव्वुर राणा का वकील?

तहव्वुर राणा का केस पीयूष सचदेवा लड़ रहे हैं. तहव्वुर के केस को लड़ने के लिए दिल्ली लीगल सेल ने उसे वकील की सुविधा दी है. पटियाला हाई कोर्ट ने एनआईए को 18 दिनों का समय दिया है, हालांकि उन्होंने पूछताछ के लिए 20 दिन का समय मांगा था.

फैसले के बाद पीयूष सचदेवा ने कहा कि अदालत ने 18 दिनों की दी हिरासत. NIA को और समय चाहिए तो आवेदन करे. दरअसल, तहव्वुर राणा को फांसी देने की मांग की जा रही है. उसे फांसी से बचाने के लिए वकील पीयूष सचदेवा उसका केस लड़ेंगे.

2008 के मुंबई हमले के बाद तहव्वुर राणा अमेरिका में गिरफ्तार किया गया था. उसे वहां पर 2009 में गिरफ्तार किया गया. तहव्वुर राणा पर लश्कर को समर्थन देने के आरोप में मुकदमा चलाया गया और 2011 में उसे डेनमार्क मामले में दोषी ठहराया गया.

इस मामले में उसे 14 साल की सजा मिली थी. तहव्वुर को अमेरिकी अदालत में मुंबई हमलों के आरोपों से बरी कर दिया, जिसके बाद भारत में उसके प्रत्यर्पण की मांग बढ़ गई. काफी समय तक चली लंबी कानूनी प्रक्रिया के बाद उसे अमेरिका से भारत लाया गया.

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