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भारत के इस गांव तक पहुंचे थे पाकिस्तानी टैंक, पहले के मुकाबले वीभत्स हुआ फायरिंग का तरीका… आरएस पुरा के लोगों ने बताया

पाकिस्तान की ओर से कठुआ से लेकर पुंछ राजौरी सभी इलाकों में रूक रूक कर फायरिंग हो रही है. बार्डर इलाके में प्रशासन की ओर से सभी लोगों को सुरक्षित जगहों पर जाने की सलाह दी गयी है. इन सबके बीच गांव के बुजुर्गों का कहना है कि पहले की फायरिंग और अब के फायरिंग का स्वरूप पूरी तरह बदल गया है.

जम्मू के आरएस पुरा सेक्टर से 15 किलोमीटर दूर सुचेतगढ़ बार्डर पर टीवी9 भारतवर्ष की जब टीम पहुंची तब वहां के बुजुर्गों ने कहा कि पाकिस्तान की ओर से फायरिंग कोई नयी बात नहीं है. गांव के बुजुर्ग अमरिंदर सिंह ने कहा कि ऐसा नहीं है कि पहले फायरिंग नहीं होती थी. उन्होंने कहा कि फायरिंग तो हर जमाने में होती रही है, लेकिन अब उसका स्वरूप पहले से अधिक वीभत्स हो गया है. उन्होंने कहा कि पहले छोटी फायरिंग होती थी, जिसकी रेंज महज कुछ दूरी की थी. आज-कल दो तीन किलोमीटर की फायरिंग आम बात है. इतने से भी नहीं बनता तो मोर्टार और शेलिंग कर देते हैं, जिसकी जद में आम गांव वाले आ जाते हैं.

कन्ट्रोल रूम से हो रहा कन्ट्रोल

गांव के पूर्व सरपंच सुवर्ण लाल ने टीवी9 भारतवर्ष से बातचीत में बताया कि सरकार ने हालिया परिस्थितियों के मद्देनजर एक कन्ट्रोल रूम बनाया है़. वहां से जब जैसा आदेश आता है, वैसे ही हम काम कर रहे हैं. उन्होंने कहा कि बुधवार शाम को गांव खाली करने का आदेश आया. उसके बाद फौरन गांव के लोगों ने इलाके को खाली किया.

इसी गांव में टैंक छोड़ भागे थे पाकिस्तानी

गांव के बुजुर्ग सोहन लाल बताते हैं कि भारत पाकिस्तान के जंग में इस गांव तक पाकिस्तानी सेना के टैंक पहुंच गए थे. भारत ने जब मुंहतोड़ जवाब दिया तब पाकिस्तानी सेना अपनी टैंको को छोड़कर यहां से भाग गए थे. उस समय भारतीय सेना बाद में सियालकोट तक पहुंच गयी थी.

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