गुरु पूर्णिमा आज, यहां देखें स्नान-दान का समय और पूजा विधि

आषाढ़ माह की पूर्णिमा को गुरु पूर्णिमा कहा जाता है, जो कि आज यानी 10 जुलाई को मनाई जा रही है. इसे व्यास पूर्णिमा और व्यास जयंती के नाम से भी जाना जाता है. इस दिन माता-पिता, बड़ों और गुरु का आशीर्वाद लेने का विशेष महत्व है, क्योंकि हमारे जीवन में गुरु ही अंधकार से उजाले की ओर ले जाते हैं. यह दिन गुरु के प्रति कृतज्ञता व्यक्त करने के लिए समर्पित दिन है. अगर आप इस दिन बृहस्पति बीज मंत्र ‘ॐ ग्रां ग्रीं ग्रौं सः गुरवे नमः‘ का 108 बार जाप करते हैं, तो आपको मनचाहे फल की प्राप्ति हो सकती है. साथ ही, इस दिन आप अपने गुरु को यथाशक्ति दान-दक्षिणा भी देनी चाहिए.
गुरु पूर्णिमा स्नान-दान मुहूर्त
ब्रह्म मुहूर्त सुबह 04:10 से सुबह 04:50 बजे तक.
अभिजीत मुहूर्त सुबह 11:59 बजे से दोपहर 12:54 बजे तक.
विजय मुहूर्त दोपहर 02:45 बजे से दोपहर 03:40 बजे तक.
गुरु पूर्णिमा पर इन शुभ मुहूर्तों में स्नान और दान-पुण्य करना सबसे फलदायी रहेगा.
गुरु पूर्णिमा की पूजा कैसे करें?
इस दिन किसी भी पवित्र नदी में स्नान करें. अगर ऐसा करना संभव न तो बाल्टी में थोड़ा सा गंगाजल डालकर पानी भरें. फिर इससे स्नान करें. ऐसा करने से भी गंगा स्नान जैसा लाभ मिलता है. इसके बाद भगवान विष्णु और मां लक्ष्मी की पूजा और उनका जलाभिषेक करें.
इसके बाद भगवान विष्णु को पीले फूल और हल्दी चढ़ाएं. मां लक्ष्मी को लाल चंदन, लाल रंग के फूल और श्रृंगार का सामान चढ़ाएं. फिर पूजा घर में घी का दीपक जलाकर गुरु पूर्णिमा की व्रत कथा का पाठ करें. अगर संभव हो तो व्रत का संकल्प करें और शाम को सत्य नारायण की कथा करें.
फिर शाम के समय लक्ष्मी सूक्त का पाठ करना चाहिए. इसके बाद लक्ष्मी नारायण की आरती करें. अंत में भगवान को भोग लगाकर प्रसाद ग्रहण करें और सभी में बांटें. रात में चंद्रोदय के समय अर्घ्य देना चाहिए.