स्कूलों के लिए अहम खबर, जारी हुए दिशा-निर्देश

जालंधर: अब जिले के सभी आंगनवाड़ी केन्द्रों और सरकारी व निजी स्कूलों को ‘खाद्य सुरक्षा एवं मानक अधिनियम’ (एफ.एस.एस. एक्ट) के तहत रजिस्टर्ड करवाना अनिवार्य होगा। इसी उद्देश्य को लेक एक अहम प्रशिक्षण सैशन का आयोजन किया, जिसमें स्कूल शिक्षा विभाग और सामाजिक सुरक्षा, महिला एवं बाल विकास विभाग के प्रतिनिधियों ने हिस्सा लिया।
यह प्रशिक्षण सैशन सहायक कमिश्नर फूड डा. हरजोतपाल सिंह और फूड सेफ्टी अधिकारी राशू महाजन की अगुवाई में आयोजित किया। कमिश्नर फूड एंड ड्रग एडमिनिस्ट्रेशन, पंजाब दिलराज सिंह के दिशा-निर्देशों के तहत हुए इस सैशन में अधिकारियों ने बताया कि जिले के सभी आंगनवाड़ी केन्द्रों, सरकारी और निजी स्कूलों का एफ.एस.एस. एक्ट में पंजीकरण करना जरूरी है, ताकि बच्चों और अन्य लाभार्थियों को सुरक्षित, स्वच्छ और पौष्टिक भोजन मिल सके।
फूड विंग के अधिकारियों ने दोनों विभागों के प्रतिनिधियों से कहा कि वे इस नियम को लागू करवाने में सहयोग दें और अपने-अपने क्षेत्रों के सभी आंगनवाड़ी केन्द्रों व स्कूलों को इस बारे में जागरूक करें। उन्होंने कहा कि इस पहल से मिड डे मील और आंगनवाड़ी केन्द्रों में वितरित किए जाने वाले भोजन की गुणवत्ता में सुधार आएगा और बच्चों के स्वास्थ्य की बेहतर देखभाल हो सकेगी। इसके अलावा, प्रशिक्षण में यह भी बताया गया कि एफ.एस.एस. एक्ट तहत खाना बनाने में सफाई, स्टोरेज की व्यवस्था, इस्तेमाल की जा रही सामग्री की गुणवत्ता बेहतर होनी चाहिए।
फूड सेफ्टी अधिकारी राशू महाजन ने कहा कि यह रजिस्ट्रेशन न केवल एक कानूनी प्रक्रिया है, बल्कि यह बच्चों की सेहत और पोषण से जुड़ा एक अहम कदम है। उन्होंने कहा कि यदि कोई संस्था इस नियम की अनदेखी करती है तो उनके खिलाफ कार्रवाई भी की जा सकती है। वहीं, यह कदम बच्चों के भविष्य और स्वास्थ्य की सुरक्षा की दिशा में एक महत्वपूर्ण प्रयास माना जा रहा है।