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बिहार में लोकतंत्र का गला घोंटा जा रहा, बीजेपी और चुनाव आयोग इस हत्या के गुनहगार, रणदीप सुरजेवाला ने साधा निशाना

बिहार में जारी वोटर लिस्ट के विशेष गहन पुनरीक्षण (एसआईआर) प्रक्रिया और वोट चोरी के खिलाफ महागठबंधन इन दिनों राज्य में वोटर अधिकार यात्रा निकाल रहा है. कांग्रेस की अगुवाई वाली यह यात्रा लगातार सुर्खियां बटोर रही है, साथ ही अन्य विपक्षी दल भी इस यात्रा का हिस्सा बन रहे हैं. यात्रा के बीच कांग्रेस और राष्ट्रीय जनता दल केंद्र और बिहार की एनडीए सरकार पर हमला भी बोल रहे हैं. आज की पीसी में विपक्ष ने आरोप लगाया कि बिहार में लोकतंत्र का गला घोंट कर मारा जा रहा है, इस हत्या के गुनहगार बीजेपी और चुनाव आयोग है.

कांग्रेस महासचिव रणदीप सिंह सुरजेवाला ने आरजेडी सांसद प्रोफेसर मनोज झा के साथ पीसी में आरोप लगाते हुए कहा कि बिहार में लोकतंत्र को खुलेआम गला घोंटकर मारा जा रहा है और इस हत्या के गुनहगार भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) और चुनाव आयोग है. उन्होंने कहा कि पटना, मधुबनी और पूर्वी चंपारण, महज इन 3 जिलों में ही 10 लाख से ज्यादा वोट काट दिए गए. तो सोचिए पूरे बिहार में क्या कहर बरपा होगा.

बीजेपी का नया जादुई कंप्यूटर: सुरजेवाला

उन्होंने आगे कहा, “वाल्मीकिनगर और यूपी के खड्डा में तो बीजेपी ने नया डिजिटल तमाशा कर दिखाया एक ही आदमी का नाम 2 अलग-अलग जगहों की वोटर लिस्ट में, नाम वही, उम्र वही, बस EPIC नंबर अलग. यह मजाक नहीं, यह बीजेपी का नया जादुई कंप्यूटर है. चुनाव आयोग इस मामले में पूरी तरह से साझेदार है. एसआईआर प्रक्रिया में करीब 65 लाख वोट गायब हो गए, लेकिन बीजेपी-जेडीयू दोनों चुप हैं. यह चुप्पी उनकी मासूमियत नहीं, बल्कि अपराध में बराबर की हिस्सेदारी है. यह सिर्फ वोट चोरी नहीं, यह तो खुलेआम लोकतंत्र पर डकैती है.”

सुरजेवाला ने बीजेपी की दोहरी नैतिकता पर हमला करते हुए कहा कि 70 हजार करोड़ का घोटाला CAG रिपोर्ट में दर्ज है, लेकिन दोनों दलों को कोई शर्म नहीं. ये लोग दिन-रात राम-राम करते हैं, मगर असल में राम का इस्तेमाल सिर्फ वोट बटोरने की मशीन के रूप में कर रहे हैं. राम गरीब की झोपड़ी में हैं, किसान के पसीने में हैं, शबरी के बेर में हैं. लेकिन बीजेपी वालों के लिए राम सिर्फ इवेंट मैनेजमेंट और चुनावी विज्ञापन के पोस्टर मात्र हैं. उन्होंने आगे कहा, “साल 2017 में संसद में लिखित रूप से जवाब दिया गया कि सीतामढी में माता सीता के होने का कोई सबूत नहीं है और आज वही लोग सीता माता के नाम पर वोट मांगने निकले हैं. यह श्रद्धा नहीं है, यह सबसे घटिया स्तर का राजनीतिक धंधा है.

वोट चोरी के लिए BJP-JDU, ECI भी जिम्मेदारः मनोज झा

प्रोफेसर मनोज झा ने भी एनडीए सरकार पर हमला करते हुए कहा, “बीजेपी को लगता है कि बिहार की जनता बेवकूफ है, लेकिन इस राज्य की जनता अब जाग चुकी है. ये भीड़ किसी स्कूल-कॉलेज को जबरन बंद कराकर नहीं लाई गई, बल्कि जनता खुद सड़क पर उतरी है. राज्य के 65 लाख वोट काटे गए और वे सब वोट दलितों, पिछड़ों, गरीबों और अल्पसंख्यकों के थे. यह सिर्फ वोट चोरी नहीं बल्कि यह उनके हक पर सीधा डाका है. इस गुनाह के अपराधी बीजेपी-जेडीयू और चुनाव आयोग तीनों हैं.

उन्होंने चुनाव आयोग पर करारा व्यंग्य करते हुए कहा कि मुख्य चुनाव आयुक्त साहब अब शायद ज्योतिषी भी बन गए हैं. रिवीजन से पहले ही यह भविष्यवाणी कर दी कि करीब 20 फीसदी वोट कटेंगे. अब समझ नहीं आता कि ये चुनाव अधिकारी हैं या टीवी चैनलों पर भविष्य बताने वाले बाबा. ऐसा लगता है कि चुनाव आयोग चुनाव कराने नहीं आया, बल्कि बीजेपी की राह आसान करने और विपक्ष को रास्ते से हटाने आया है. लेकिन बिहार की जनता अब इन हथकंडों को समझ चुकी है और चुप बैठने वाली नहीं है.

आरजेडी नेता और सांसद मनोज झा ने कहा कि यह चुनाव केवल सरकार बदलने का चुनाव नहीं है, बल्कि सरोकार बदलने की भी लड़ाई है. बिहार पलायन, बेरोजगारी और गरीबी से जूझ रहा है.उसे चुनावी जुमले और खोखले वादे नहीं चाहिए, उसे असली रोजगार और विकास चाहिए. राहुल गांधी और तेजस्वी यादव गांव-गांव जाकर जनता से यही संवाद कर रहे हैं कि बिहार को मेकअप नहीं, बल्कि बुनियादी बदलाव चाहिए. मधुबनी की यह सभा इसी आत्मविश्वास की गवाही है. जनता अब नारे और विज्ञापन में नहीं, बल्कि सरोकार में भरोसा कर रही है.

मनोज झा ने आगे कहा, “फर्ज कीजिये कि, अगर आज भगवान राम और माता सीता आएं तो वो भी 7lkm रूट पर धरने पर बैठ जाते.”

‘नवंबर में जनता से मिलेगा करारा जवाब’

तेजस्वी यादव के चुनाव बहिष्कार वाले बयान पर मनोज झा ने कहा, “मैं साफ करना चाहता हूं कि, वो बात उन्होंने दुख और क्षोभ में बोली थी कि, जब वोट ही चोरी होगा तो कैसा चुनाव.

इन दोनों नेताओं ने ऐलान किया कि, नवंबर 2025 में बिहार अपनी मंजिल पाएगा. महागठबंधन की सरकार केवल जुमलों की सरकार नहीं होगी, बल्कि सरोकारों की सरकार होगी. भ्रष्टाचार और धोखाधड़ी की राजनीति का अंत होगा और जनता का हक जनता तक पहुंचेगा. यही बिहार की असली जीत होगी. दोनों नेताओं ने एक स्वर में कहा कि जनता के वोट पर डाका डालने वालों को नवंबर में करारा जवाब मिलेगा.

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