ब्रेकिंग
बिहार चुनाव सुरक्षा पर तेजस्वी यादव का निशाना! 'झारखंड-बंगाल से फोर्स नहीं बुलाई गई...', सुरक्षा ड्य... फ्रॉड विवाद से गरमाया तिरुपति मंदिर! क्या है लड्डू के प्रसाद से जुड़ा विवाद? जानें $200$ साल की अद्भ... दिल्ली को आर्थिक झटका! प्रदूषण के चलते बढ़ रहा स्वास्थ्य खर्च और घट रहा उत्पादन, शहर की 'तिजोरी' में... मालिकाना हक पर सुप्रीम कोर्ट का निर्णायक फैसला! किरायेदार नहीं उठा सकता सवाल, जानिए क्या है 'एस्टोपल... एशिया का सबसे बड़ा पशु मेला! सोनपुर मेले का वो इतिहास, जब भगवान विष्णु ने चलाया था सुदर्शन चक्र, इस ... हाई-फाई गर्लफ्रेंड का चस्का! लग्जरी गिफ्ट देने के लिए रांची के बॉयफ्रेंड ने किया बड़ा कांड, चुराए सो... खरगे का तीखा सवाल! 'जब भगवान के दान का हिसाब होता है, तो क्या RSS संविधान से भी ऊपर है?', संघ प्रमुख... कफ सिरप नहीं दिया उधार! रांची में नशेड़ियों ने डॉक्टर को गला रेतकर मार डाला, 'पत्नी चीखती रही, पर नह... 'मैं कुरान की कसम खाता हूं...' गठबंधन को लेकर बीजेपी नेता के बड़े दावे पर CM उमर अब्दुल्ला का दो टूक... बिहार चुनाव का 'मेगा वादा'! महागठबंधन ने जारी किया 12 वादों का चार्ट, 500 में सिलेंडर और 200 यूनिट फ...
देश

CJI पर जूता फेंकने वाले वकील की नई कंट्रोवर्सी, कहा- ‘नूपुर शर्मा पर एक्शन, लेकिन सनातन पर नहीं

चीफ जस्टिस BR गवई पर सुप्रीम कोर्ट में जूता फेंकने वाले वकील राकेश किशोर ने कहा कि उन्हें अपने किए पर कोई अफसोस नहीं है. उन्होंने कहा जो मैने किया वो सिर्फ एक्शन का रिएक्शन था. वकील ने बताया कि वह 16 सितंबर को दिए गए मुख्य न्यायाधीश के फैसले से आहत था.

16 सितंबर को BR गवई ने मध्य प्रदेश के खजुराहो के जवारी मंदिर में भगवान विष्णु की सिर कटी मूर्ति की पुनर्स्थापना से संबंधित याचिका को खारिज कर दिया था और इसका मजाक उड़ाते हुए याचिकाकर्ता से कहा था कि जाओ और मूर्ति से प्रार्थना करो और उसे अपना सिर वापस लगाने के लिए कहो. राकेश किशोर ने कहा कि जब हमारे सनातन धर्म से जुड़ा कोई मामला आता है, तो सर्वोच्च न्यायालय ऐसे आदेश देता है. उन्होंने कहा कि कोर्ट याचिकाकर्ता को राहत न दें, लेकिन उसका मजाक भी न उड़ाएं.

आगे बोलते हुए राकेश ने कहा, “मुझे ऐसा करने से चोट लगी थी… मैं नशे में नहीं था, यह उनकी हरकत पर मेरा एक्शन था.” साथ ही उन्होंने कहा कि मैं डरा हुआ नहीं हूं. जो हुआ उसका मुझे कोई पछतावा नहीं है. इसके अलावा उन्होंने दावा किया कि सनातन धर्म पर अदालत भेदभाव करती है और इसके लिए उन्होंने नूपुर शर्मा का भी उदाहरण दिया.

नूपुर शर्मा के खिलाफ एक्शन होता है, लेकिन जब सनातन का मामला आता है तो…

राकेश किशोर ने कहा कि यही चीफ जस्टिस जब किसी और धर्म का मामला आता है, तो बड़े-बड़े स्टेटमेंट देते हैं. उदाहरण के तौर पर उन्होंने कहा कि हल्द्वानी में रेलवे की जमीन पर एक विशेष समुदाय का कब्जा है, जब उसको हटाने की कोशिश की गई तो सुप्रीम कोर्ट ने स्टे लगा दिया और वह स्टे अभी तक लगा हुआ है.

उन्होंने आगे कहा कि ऐसे ही नुपुर शर्मा का मामला आया तो कोर्ट ने कहा कि आपने माहौल खराब कर दिया. लेकिन जब सनातन धर्म का मामला आता है, तो ये सुप्रीम कोर्ट कुछ नहीं करती है. इससे में आहत हूं.

मैं अहिंसा प्रेमी हूं- राकेश किशोर

ANI से बात करते हुए राकेश किशोर ने कहा कि ऐसा नहीं है कि मैं हिंसा करने वाला हूं, मैं खुद अहिंसा प्रेमी हूं, पढ़ा लिखा हूं और गोल्ड मेडलिस्ट हूं. साथ ही कहा मैं किसी नशे में नहीं था, मैंने जो किया उस पर मुझे कोई पछतावा नहीं है.

Related Articles

Back to top button