संसद सत्र से पहले पीएम मोदी का विपक्ष को संदेश! कहा- ‘पराजय की निराशा से बाहर निकलें, नारे नहीं नीति पर दें जोर’

संसद के शीतकालीन सत्र की आज यानी सोमवार से शुरुआत हो रही है. कार्यवाही शुरू होने से पहले पीएम मोदी ने कहा कि विपक्ष पराजय की निराशा से बाहर निकले. वो नारे नहीं, नीति पर जोर दे. पीएम मोदी ने कहा कि भारत ने लोकतंत्र को जिया है. इसके उमंग उत्साह को समय-समय पर ऐसे प्रकट किया है कि लोकतंत्र के प्रति विश्वास बढ़ता जाता है. बिहार में मतदान में भागीदारी लोकतंत्र की सबसे बड़ी ताकत रही. बिहार में माताओं-बहनों की भागीदारी इसकी मजबूती को दिखाती है. भारत ने सिद्ध कर दिया है कि डेमोक्रेसी कैन डिलीवर.
पीएम मोदी ने कहा, भारत की अर्थव्यवस्था विकसित भारत की ओर ले जाने में नई ताकत देती है. ये सत्र संसद देश के लिए क्या सोच रही है, क्या करने वाली है इन मुद्दों पर केंद्रित होना चाहिए. उन्होंने कहा कि पहली बार चुनकर आए या छोटी आयु के सभी संसद बहुत परेशान और दुखी हैं. उन्हें अपने समर्थ का परिचय करने का अवसर नहीं मिल रहा. उन्हें अपने क्षेत्र की समस्या को बताने का मौका नहीं मिल पा रहा. नए सांसदों को अवसर देना चाहिए. उनके अनुभवों से राष्ट्र को लाभ मिलना चाहिए.
पीएम मोदी का विपक्ष को मैसेज
पीएम मोदी ने कहा, विपक्ष अपने मुद्दे उठाए. पराजय की निराशा से बाहर निकले. एक दो दल तो ऐसे हैं कि पराजय को पचा नहीं पा रहे. संसद परिसर में मीडिया से बात करते हुए पीएम मोदी ने कहा कि मेरी सभी से अपील है कि पराजय की बौखलाहट को मैदान नहीं बनाना नहीं चाहिए. विजय के अहंकार में भी लोगों को नहीं आना चाहिए.
प्रधानमंत्री ने कहा कि ड्रामा करने के लिए जगह बहुत है. यहां ड्रामा नहीं डिलीवरी चाहिए. पूरे देश में जाकर नारे लगाए. यहां नारा नहीं नीति पर बल देना चाहिए. नेगेटिविटी को अपने मर्यादाओं में रखकर नेशन बिल्डिंग में लगाए. बता दें कि संसद का शीतकालीन सत्र 1 दिसंबर से 19 दिसंबर तक चलेगा. लोकसभा ने चर्चा के लिए 10 घंटे आवंटित किए हैं.
SIR पर हो सकता है हंगामा
विपक्ष SIR पर चर्चा चाहता है. विपक्षी दलों के नेताओं ने कहा कि वे चाहते हैं कि सोमवार दोपहर दो बजे एसआईआर पर चर्चा शुरू हो और संसद सुचारू रूप से चले, लेकिन सरकार तैयार नहीं हुई. विपक्षी दलों ने इस बात पर जोर दिया कि किसी भी व्यवधान के लिए सरकार जिम्मेदार होगी.
किरेन रिजिजू ने रविवार को कहा, सर्वदलीय बैठक में जो भी सुझाव आए हैं, उनको विचार के बाद बीएसी (कार्य मंत्रणा समिति) में रखा जाएगा. कुल मिलाकर 36 दलों के 50 नेता शामिल हुए. सरकार की तरफ से आश्चासन देता हूं कि संसद का शीतकालीन सत्र अच्छी तरह से चलाने के लिए विपक्ष के साथ बातचीत करते रहेंगे. विपक्षी दलों के नेताओं से अनुरोध है कि संसद को अच्छी तरह से चलाने में सहयोग करें.
रिजिजू ने कहा, लोकतंत्र, विशेष रूप से संसदीय लोकतंत्र में गतिरोध होता है, राजनीतिक दलों में मतभेद होते हैं. इसके बावजूद हम सब तय करें कि सदन में गतिरोध पैदा नहीं करना है और अपनी बात रखकर विरोध दर्ज कराना है, तो सदन चलेगा.
उन्होंने एसआईआर मुद्दे के बारे में पूछे जाने पर कहा, विपक्षी दलों में कई नेता हैं, जो संसद चलाना और मुद्दे उठाना चाहते हैं. इसलिए यह कहना उचित नहीं है कि सभी विपक्षी दल एसआईआर का मुद्दा उठाकर संसद की कार्यवाही बाधित करना चाहते हैं.






