बड़ी भविष्यवाणी! अगले साल सोना होगा महंगा या शेयर बाजार छुएगा नया शिखर? दिग्गज ब्रोकरेज फर्म की रिपोर्ट में मोटी कमाई का सीक्रेट

मौजूदा साल खत्म होने से पहले भले ही शेयर बाजार ने अपने पीक को टच किया हो, लेकिन निवेशकों को उतना रिटर्न नहीं दे सका है, जितनी उम्मीद की जा रही थी. टैरिफ की मार, रुपए में गिरावट और विदेशी निवेशकों की बिकवाली की वजह से शेयर बाजार में काफी उतार चढ़ाव देखने को मिला. वहीं दूसरी सोने और चांदी की कीमतों ने रिटर्न देने के मामले में कई दशक पुराने रिकॉर्ड तोड़ डाले हैं. जहां सोने की कीमतों ने वायदा बाजार में निवेशकों को 71 फीसदी का रिटर्न दिया है. वहीं दूसरी ओर चांदी ने 121 फीसदी की कमाई करा दी है. साल खत्म होने तक इसमें और भी इजाफा देखने को मिल सकता है. अब सबसे बड़ा सवाल ये है कि साल 2026 में सोना चांदी और शेयर बाजार में से कौन बेहतर रिटर्न दे सकता है. इस बारे में देश की दिग्गज ब्रोकरेज फर्म कोटक सिक्योरिटीज की ओर से बड़ी भविष्यवाणी की गई है. आइए आपको भी बताजे हैं कि फर्म की ओर से क्या कहा गया है…
शेयर बाजार के लिए कौन बना सकता है माहौल
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- भारतीय शेयर बाजार में सितंबर 2024 की पीक से 17 फीसदी की गिरावट आई थी, लेकिन निफ्टी 50 ने 2025 के अंत तक एक नया आल टाइम हाई लेवल हासिल कर लिया.
- लार्ज-कैप कंपनियों के शेयरों ने सबसे ज्यादा बढ़त दिखाई, जबकि मिड-कैप और स्मॉल-कैप पीछे रह गए.
- ऑटोमोबाइल, बैंक और मेटल सेक्टर ने अच्छा प्रदर्शन किया, जबकि आईटी और FMCG सेक्टर कमजोर रहे.
- घरेलू निवेशकों ने लगातार FPI (विदेशी पोर्टफोलियो निवेश) की बिकवाली के बावजूद बाजार को संभाले रखा, जिससे भारतीय इक्विटी मार्केट पर भरोसा मजबूत हुआ.
- IPO और अन्य प्राइमरी मार्केट गतिविधियां मजबूत रहीं, जिससे निवेशकों का उत्साह और भारतीय बाजार का लचीलापन साफ दिखाई दिया.
कैसा रह सकता है निफ्टी
- निफ्टी की अर्निंग का अनुमान और मजबूत हुआ है. उम्मीद है कि निफ्टी का मुनाफा वित्त वर्ष 27 में 17.6 फीसदी और वित्त वर्ष 28 में 14.8 फीसदी बढ़ेगा.
- बेस केस : दिसंबर 2026 तक निफ्टी के 29,120 तक पहुंचने का अनुमान है. यह मानते हुए कि वित्त वर्ष 28 की अनुमानित EPS 1,456 रुपए पर निफ्टी का P/E रेश्यो 20.0 रहेगा.
- बुल केस और बियर केस : निफ्टी का टारगेट 32,032 तक जा सकता है. नीचे जाने वाली स्थिति में निफ्टी 26,208 तक आ सकता है.
- साल 2026 के लिए हॉट सेक्टर : BFSI (बैंकिंग और फाइनेंशियल सर्विसेज), टेक्नोलॉजी, हेल्थकेयर और हॉस्पिटैलिटी.
सोने और चांदी की चमक रहेगी बरकरार
- 2025 में सोने ने मजबूत प्रदर्शन किया, इसकी कीमत 55 फीसदी से ज्यादा बढ़ी और 4,000 डॉलर प्रति औंस के पार चली गई. इसका कारण था, वैश्विक अनिश्चितता, जियो-पॉलिटिकल टेंशन और सेंट्रल बैंकों की बड़ी खरीदारी.
- भारत में यानी डोमेस्टिक लेवल पर वायदा बाजार में सोने की कीमतें अब तक करीब 71 फीसदी बढ़ चुकी है. जिसमें रुपया कमजोर होने का भी असर शामिल था.
- इस साल चांदी ने सोने से भी बेहतर किया, और वायदा बाजार में 121 फीसदी का इजाफा देखने को मिल चुकी है. इसकी वजह थी सेफ-हेवन मांग, सप्लाई की कमी, और स्ट्रक्चरल इश्यू, हालांकि इंडस्ट्रियल टैक्स से जुड़ी चुनौतियां बनी रहीं.
- कच्चे तेल की कीमतों में 19 फीसदी गिरावट आई, क्योंकि सप्लाई ज्यादा थी और जियो-पॉलिटिकल घटनाओं का असर कम हो गया. इससे 2026 के लिए आयल मार्केट में सतर्कता का माहौल बन गया.
- कॉपर और एल्युमिनियम जैसे बेस मेटल मजबूत बने रहे, क्योंकि इलेक्ट्रिफिकेशन की बढ़ती मांग, सप्लाई में कमी और स्ट्रक्चरल टाइटनेस ने इन्हें सहारा दिया, हालांकि कीमतों में उतार-चढ़ाव जारी है.
क्या कहते हैं एक्सपर्ट?
कोटक सिक्योरिटीज के एमडी एंड सीईओ श्रीपाल शाह ने कहा कि ग्लोबल चुनौतियों के बीच भारत ग्रोथ का मजबूत केंद्र बना हुआ है. हमारी इक्विटी पर राय पॉजिटिव है, क्योंकि कॉर्पोरेट अर्निंग अच्छी रहने की उम्मीद है और नीतिगत माहौल भी सहयोगी है. 2026 में सोना एक सुरक्षित निवेश के विकल्प के रूप में अपनी चमक बनाए रखेगा. युवा निवेशकों की बढ़ती भागीदारी से बाजार और मजबूती पकड़ेगा और वेल्थ क्रिएशन के नए अवसर पैदा होंगे. इंडस्ट्री के मोर्चे पर उन्होंने आगे कहा कि लेटेस्ट सेबी (SEBI) सर्वे के अनुसार, 63 फीसदी परिवार कम से कम एक सिक्योरिटीज मार्केट प्रोडक्ट के बारे में जानते हैं, लेकिन सिर्फ 9.5 फीसदी परिवार ही वास्तव में निवेश करते हैं. इसका मतलब है कि भारत के इक्विटी बाजार में अभी भी बहुत बड़ा अनछुआ संभावित हिस्सा मौजूद है. ब्रोकरेज फर्मों को आगे आकर निवेश को आसान और सभी के लिए सुलभ बनाना चाहिए.






