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दिल्ली/NCR

प्रदूषण पर प्रहार: सीमाओं से लौटाई गईं गाड़ियां! दिल्ली में कड़ा पहरा, फिर भी आनंद विहार और पटपड़गंज में AQI 470 के पार; संकट अब भी बरकरार

देश की राजधानी दिल्ली समेत उत्तर भारत के कई राज्यों में इस समय प्रदूषण के कारण हालात खराब बने हुए हैं. सरकार ने प्रदूषण पर नियंत्रण करने के लिए कई कदम भी उठाए. हालांकि इसके बाद भी हवा में कोई खास सुधार देखने को नहीं मिला है. तमाम प्रतिबंध लगाने के बाद भी शुक्रवार को दिल्ली का ओवरऑल AQI 387 के ऊपर बना हुआ है, इससे पहले गुरुवार को ये 373 था. इस दौरान चालानी कार्रवाई भी गई और कई तरह के वाहनों की दिल्ली में एंट्री रोक दी गई है. यानी पाबंदियों के बाद भी दिल्ली की हवा में कोई सुधार होता नहीं दिख रहा है.

दिल्ली में बढ़ते प्रदूषण को देखते हुए सरकार की तरफ से कई पाबंदियों का ऐलान किया गया था. इसके तहत गुरुवार (18 दिसंबर) से राष्ट्रीय राजधानी में सिर्फ BS6 गाड़ियों को ही एंट्री की इजाजत है. इसके साथ ही ‘नो पीयूसी, नो फ्यूल’ अभियान की भी शुरुआत की गई थी.

सरकार के आदेश के बाद गुरुवार को दिल्ली में ‘नो पीयूसी, नो फ्यूल’ अभियान के तहत 3746 से अधिक वाहनों का चालान किया गया, जबकि लगभग 570 गैर-अनुपालन करने वाले या गैर-निर्दिष्ट वाहनों को 24 घंटे के भीतर दिल्ली की सीमाओं से वापस भेज दिया गया. दिल्ली ट्रेफिक पुलिस और परिवहन विभाग की संयुक्त टीमों ने अभियान के पहले दिन राष्ट्रीय राजधानी में प्रवेश के प्रमुख बिंदुओं पर लगभग 5000 वाहनों की जांच की. 217 ट्रकों का रुट भी डायवर्ट किया गया है.

वर्क फ्रॉम होम कितना रहा असरदार?

सरकार ने प्रदूषण पर नियंत्रण पाने के लिए ग्रेप-4 लागू किया था. इसके तहत दिल्ली के सभी दफ्तरों में 50 प्रतिशत वर्क फ्रॉम होम अनिवार्य किया था. इसके तहत ऑफिस में केवल 50 प्रतिशत स्टाफ ही बैठकर काम कर सकता है. ऐसा करने से लोग कम जुटेंगे और वाहनों की आवा-जाही भी कम होगी. हालांकि इसका खास असर ट्रैफिक पर भी नहीं पड़ा है. बीते दिन कई जगहों पर जाम जैसी समस्याओं का भी लोगों को सामना करना पड़ा है. कच्ची सड़कों पर निर्माण सामग्री के परिवहन पर भी प्रतिबंध है. एयर क्वालिटी अर्ली वार्निंग सिस्टम (AQEWS) की माने तो अभी आने वाले कुछ दिनों तक दिल्ली की हवा खराब ही रहने वाली है.

NO PUC NO FUEL का दिखा असर?

दिल्ली सरकार ने प्रदूषण पर नियंत्रण करने के लिए NO PUC NO FUEL अभियान की शुरुआत की थी. इसके तहत जिन वाहनों के पास PUC नहीं है उन्हें किसी भी हालत में फ्यूल नहीं दिया जाएगा. सरकार के इस नियम के बाद PUC बनाने भी एक रिकॉर्ड बन गया है. गुरुवार को यानि अभियान के पहले दिन बने 45479 PUC बनाए गए हैं. इससे पहले यानि बुधवार जब इस अभियान की घोषणा हुई तब 31197 PUC बने थे. जबकि सोमवार को 17719 PUC बने थे. मतलब सरकार के आदेश के बाद लोग लगातार PUC बनवाने में जुड़े हों.

विपक्ष के सवाल पर क्या बोले मंत्री?

दिल्ली सरकार में मंत्री आशीष सूद ने प्रदूषण पर विपक्ष की तरफ से लगाए जा रहे आरोपों पर कहा कि केजरीवाल ने अपने टाइम में कोई काम नहीं किया. सफाई कर्मचारियों को पैसा नहीं ही दिया। ट्रांसपोर्ट को ठीक नहीं किया. केंद्र सरकार जो RRTS का काम कर रही थी. उसमें फंड नहीं दिया. सुप्रीम कोर्ट ने कहा था कि प्रचार के लिए पैसा था फंड देने के लिए। मेट्रो के फेज को लेट किया.

ईवी पॉलिसी पर ठीक से काम नहीं किया. 45 करोड़ रुपए की सब्सिडी जो वाहन खरीदने के लिए देने थे तो नहीं दी. आज मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता की सरकार वो पैसा लाकर ईवी पॉलिसी को आगे बढ़ाएगी. इन कारणों से दिल्ली में प्रदूषण बढ़ा है. प्रदूषण एक दिन की समस्या नहीं है. लंबे समय तक काम करना पडेगा.

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