ब्रेकिंग
"न्याय के लिए सड़क पर उतरीं महिलाएं": कुलदीप सेंगर की जमानत का भारी विरोध, दिल्ली हाई कोर्ट के बाहर ल... "किश्तवाड़ में VPN पर पहरा": सुरक्षा एजेंसियों को अंदेशा— आतंकी कर सकते हैं गलत इस्तेमाल, प्रशासन ने... "PM मोदी का 'Gen Z' कनेक्शन": बोले प्रधानमंत्री— आपमें है दुनिया बदलने का दम, मुझे आपकी काबिलियत पर ... खाकी पर भारी पड़ा 'ओवर कॉन्फिडेंस': संभल में 12 पुलिसकर्मियों ने मिलकर लिखी फर्जी मुठभेड़ की कहानी, का... "अंकिता केस में नया सियासी मोड़": दुष्यंत गौतम का पलटवार— विपक्ष पर लगाया छवि धूमिल करने का आरोप, उत... बागबानी में पंजाब देशभर में अव्वल: 7100 करोड़ के प्रोजेक्ट और ‘अपणा पिंड-अपणा बाग’ से जुड़ा किसानों क... "इंसानियत शर्मसार, सीमा विवाद में उलझी खाकी": पटना में 7 घंटे तक सड़क पर पड़ा रहा शव, 4 थानों की पुल... शाही पदवी की लड़ाई: प्रिंस अजमत जाह के खिलाफ लामबंद हुए परिवार के अन्य सदस्य, जानें क्यों बढ़ा मनमुटाव "बीजेपी में जाना थी गलती, अब सुधारी": टीएमसी में शामिल हुईं बंगाली एक्ट्रेस, ममता बनर्जी के नेतृत्व ... "दिल्ली में प्रदूषण पर 'सर्जिकल स्ट्राइक'": 100 डग्गामार बसें जब्त, 28 पीयूसी सेंटर सस्पेंड; सरकार क...
हरियाणा

ऩई पहल: इस बार छुट्टियों में कई रोचक कार्य करेंगे बच्चे, कहानियों से सीखेंगे और स्कूल में आकर देंगे फीडबैक…

चंडीगढ़ : प्रदेश के सरकारी स्कूलों में इस बार शीतकालीन अवकाश बच्चों के लिए सिर्फ छुट्टियों का समय नहीं बल्कि सीखने और परिवार से जुड़ने का अवसर बनेगा। कक्षा 1 से 5 तक के विद्यार्थियों के लिए निपुण हरियाणा मिशन और राष्ट्रीय शिक्षा नोति-2020 के तहतरोचक गृहकार्य तैयार किया गया है।

इसमें पढ़ाई के साथ संस्कार, संवाद और जीवन मूल्य भी जुड़ेंगे। इस संबंध में शिक्षा निदेशालय की ओर से सभी जिला मौलिक शिक्षा व सभी खंड शिक्षा अधिकारियों को पत्र जारी किया गया है।

1 जनवरी से 15 जनवरी 2026 तक के शीतकालीन अवकाश में बच्चे अपनी नानी-दादी, दादा-दादी और परिवार के बुजुर्गों से कहानियां सुनेंगे, उनके अनुभव जानेंगे और फिर स्कूल लौटकर उसका फीडबैक भी देंगे। बच्चों से कहा गया है कि वे बुजुर्गों से सुनी कहानियों को अपनी भाषा में लिखें या कक्षा में सुनाएं, ताकि सीखने के साथ भावनात्मक जुड़ाव भी मजबूत हो।

इस गृहकार्य में हिंदी और गणित से जुड़ी रोचक गतिविधियां शामिल हैं। बच्चे कहानियां सुनने के साथ-साथ गिनती, जोड़-घटाव, शब्द पहचान और छोटे वाक्य लिखने का अभ्यास करेंगे। परिवार के साथ बैठकर चर्चा, बातचीत और प्रस्तुति के माध्यम से उनका आत्मविश्वास भी बढ़ेगा।

कक्षा पहली से तीसरी तक के विद्यार्थी अपने पारिवारिक सदस्यों के साथ दाल, मटर, राजमा के दाने, तरबूज और खरबूजे के बीजों की साफ कर उन्हें जोड़कर गिनती तैयार करेंगे। बच्चों को हर रोज का तापमान, माता-पिता से पूछकर नीट करना होगा। बच्चों को सूर्योदय और सूर्यास्त का समय मोट करना होगा। उन्हें 3 से 5 पक्तियां में अपना परिचय लिखकर वीडियो बनाकर शिक्षक को भोजनी होगी।

खास बात यह है कि बच्चों को मोबाइल से दूर रखने पर जोर दिया गया है। उन्हें मिट्टी या आटे से खिलौने बनाना, पक्षियों के लिए दाना पानी रखना, सुबह योग करना, बिस्तर समेटना और प्रकृति से जुड़ने बाली छोटी-छोटी गतिविधियों करनी होंगी। बच्चों को रोज का तापमान नोट करने, सूर्योदय सूर्यास्त देखने और अपने अनुभव लिखने के लिए भी प्रेरित किया गया है।

शिक्षा विभाग का कहना है कि यह गृहकार्य बच्चों के मानसिक, शारीरिक और सामाजिक विकास को ध्यान में रखकर तैयार किया है। इसमें किसी तरह का अतिरिक्त खर्च नहीं है और सभी गतिविधियां घर के माहौल में सहज रूप से की जा सकती हैं। बच्चे जब स्कूल लौटेंगे तो शिक्षक उनके अनुभवों को समीक्षा करेंगे।

Related Articles

Back to top button