“धीरेंद्र शास्त्री की बड़ी मांग”: बांग्लादेशी हिंदुओं को भारत में दी जाए शरण, बोले— “आज देर की तो पछताएगा पूरा देश

छत्तीसगढ़ के भिलाई नगर में चल रही बागेश्वर धाम के प्रमुख धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री की हनुमान चालीसा आधारित कथा में प्रतिदिन लाखों श्रद्धालु शामिल हो रहे हैं. यह कथा 25 दिसंबर से 29 दिसंबर तक जारी रहेगी, जिससे पूरा नगर हनुमान और राम नाम की गूंज से भक्तिमय वातावरण में सराबोर है. इस कथा में जनसामान्य के साथ-साथ जनप्रतिनिधि और प्रशासनिक अधिकारी भी भाग ले रहे हैं.
कथा के दूसरे दिन छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय की धर्मपत्नी कौशल्या साय विशेष रूप से उपस्थित रहीं. उन्होंने श्रद्धापूर्वक बैठकर हनुमान चालीसा की चौपाई का श्रवण किया.
मामी कहकर क्या बोले धीरेंद्र शास्त्री?
इसी मौके पर बागेश्वर महाराज ने कौशल्या साय को आत्मीय संबोधन में ‘मामी’ कहकर पुकारा और बांग्लादेश में हिंदुओं पर हो रहे अत्याचार का विषय उठाया. उन्होंने व्यासपीठ से कहा, “छत्तीसगढ़ के बड़े लाडले, चहेते, सरल, सहज मुख्यमंत्री विष्णु देव साय जी, उनकी धर्मपत्नी हमारी मामी जी… आप राजपीठ से हैं, मामी और मामा की तो लंबी पहुंच है तो हम व्यासपीठ से कहेंगे कि भारत सरकार को एक संदेशा पहुंचना चाहिए कि यदि हमने अपने बांग्लादेशी हिंदुओं को आज नहीं बचाया, तो बाद में बहुत देर हो जाएगी.”
बांग्लादेशी हिंदुओं का हो संवर्धन
महाराज ने आगे कहा, “समस्त हिंदुओं से हम एक प्रार्थना करना चाहते हैं. सरकार प्रत्यक्ष रूप से अथवा अप्रत्यक्ष रूप से ही सही पर बांग्लादेशी हिंदुओं का यदि अभी संवर्धन-संरक्षण नहीं किया, तो बांग्लादेश में हिंदू खत्म हो जाएंगे. और उसका असर भारत में आएगा. भारत में हाल-बेहाल हो जाएगा. इसलिए भारत सरकार को ठोस कदम उठाकर बांग्लादेशी हिंदुओं को सुरक्षित करना चाहिए.
उन्होंने कहा कि हमारी राय-सलाह यदि मानें, तो हम एक बात और कहना चाहते हैं. यहां पर रोहिंग्या बहुत हैं, उनकी तो ‘थोक मात्रा’ में घर वापसी करके बांग्लादेशी हिंदुओं के लिए भारत के गेट खोल देने चाहिए. शरणार्थियों को वापस उनके देश छोड़कर, अपने हिंदू भाइयों को भारत में बुला लेना चाहिए. इससे बेहतर कदम शायद कोई नहीं होगा.






