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बिहार

“छपरा में मातम: ठंड से बचने का जतन बना काल”: बंद कमरे में अलाव जलाकर सोए थे परिजन, दम घुटने से 4 की दर्दनाक मौत

बिहार के छपरा शहर से शुक्रवार रात एक दर्दनाक हादसे की खबर सामने आई है, जिसने पूरे इलाके को झकझोर कर रख दिया. भगवान बाजार थाना क्षेत्र की अंबिका कॉलोनी में एक ही परिवार के तीन मासूम बच्चों और एक बुजुर्ग महिला की दम घुटने से मौत हो गई. जबकि तीन अन्य परिजन गंभीर हालत में अस्पताल में भर्ती हैं. यह हादसा ठंड से बचने के लिए कमरे के अंदर अलाव जलाकर सोने की वजह से हुआ.

जानकारी के मुताबिक, अंबिका कॉलोनी में रहने वाला यह परिवार शुक्रवार रात कड़ाके की ठंड से बचने के लिए एक कमरे में अलाव जलाकर सो गया था. परिवार के कुल सात लोग कमरे का दरवाजा बंद कर अंदर ही सोए थे. रात के दौरान अलाव से निकला धुआं कमरे में भरता चला गया और ऑक्सीजन की मात्रा धीरे-धीरे कम होती गई. इससे सभी लोग बेहोश हो गए.

शनिवार सुबह जब काफी देर तक दरवाजा नहीं खुला तो आसपास के लोगों को शक हुआ. दरवाजा खोलने पर कमरे के अंदर का नजारा देख सभी के होश उड़ गए. कमरे में सातों लोग बेहोशी की हालत में पड़े थे. आनन-फानन में सभी को छपरा सदर अस्पताल ले जाया गया, जहां डॉक्टरों ने चार लोगों को मृत घोषित कर दिया.

तीन बच्चों सहित चार की मौत

इस हादसे में तीन नाबालिग बच्चों, तेजस, गुड़िया और आर्या की मौके पर ही मौत हो गई. इसके अलावा परिवार की सबसे बुजुर्ग सदस्य कमलावती देवी ने भी दम तोड़ दिया. वहीं, तीन अन्य परिजन की हालत गंभीर बनी हुई है और उन्हें बेहतर इलाज के लिए निगरानी में रखा गया है.

अस्पताल प्रशासन के अनुसार, कमरे में धुआं भरने से ऑक्सीजन का स्तर बेहद कम हो गया था, जिससे दम घुटने की स्थिति बनी और सभी लोग बेहोश हो गए. डॉक्टरों का कहना है कि बंद कमरे में अलाव या किसी भी तरह की आग जलाना बेहद खतरनाक होता है, क्योंकि इससे कार्बन मोनोऑक्साइड गैस बनती है, जो जानलेवा साबित हो सकती है.

परिवार में पसरा मातम

घटना की सूचना मिलते ही भगवान बाजार थाना पुलिस मौके पर पहुंची और मामले की जांच शुरू कर दी. पुलिस ने बताया कि प्रथम दृष्टया यह हादसा ठंड से बचने के लिए की गई लापरवाही के कारण हुआ है. पूरे मोहल्ले में घटना के बाद मातम पसरा हुआ है और परिजनों का रो-रोकर बुरा हाल है.

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