गुना । आरोन थानाक्षेत्र में काले हिरण और मोर का शिकार करने वाले शिकारियों के साथ मुठभेड़ में बलिदान हुए प्रधान आरक्षक नीरज भार्गव को शनिवार दोपहर 1.30 बजे गार्ड आफ आनर के साथ श्रीराम मुक्तिधाम में अंतिम विदाई दी गई। इससे पहले पुलिस ने उनके पार्थिव शरीर को सिसोदिया कालोनी स्थित निवास पर सम्मान के साथ तिरंगे में लिपटाया। अंतिम दर्शन के बाद शवयात्रा आगे बढ़ी। मुक्तिधाम में बलिदानी आरक्षक को उनके 11 वर्षीय बेटे ने मुखाग्नि दी, तो हरेक की आंखें नम हो गई। दरअसल, शुक्रवार-शनिवार की दरमियानी रात आरोन थानाक्षेत्र के मौनवाड़ा के जंगल में काले हिरण और मोर का शिकार कर लौट रहे शिकारियों से मुठभेड़ में एसआइ राजकुमार जाटव, प्रधान आरक्षक नीरज भार्गव और आरक्षक संतराम मीना की गोली लगने से मौके पर ही मौत हो गई थी। उपनिरीक्षक राजकुमार अशोकनगर और आरक्षक संतराम श्योपुर जिले के रहने वाले थे। पोस्टमार्टम के बाद उनकी पार्थिव देह को उनके गृहनगर की ओर रवाना कर दिया गया। वहीं प्रधान आरक्षक नीरज गुना की सिसोदिया कालोनी में रहते थे। तीनों पुलिसकर्मियों को शहीद का दर्जा दिया गया है इसलिए नीरज भार्गव का अंतिम संस्कार श्रीराम मुक्तिधाम में गार्ड आफ आनर के साथ किया गया। इससे पहले नीरज के पार्थिव शरीर को तिरंगे में लिपटाया गया, जिसके बाद शवयात्रा रवाना हुई। मुक्तिधाम पर आइजी श्रीनिवास वर्मा, कलेक्टर फ्रेंक नोबल ए., भाजपा जिलाध्यक्ष गजेंद्र सिकरवार, विधायक गोपीलाल जाटव, पूर्व विधायक राजेंद्र सलूजा सहित जनप्रतिनिधि और बड़ी संख्या में शहरवासियों ने उन्हें नमन करते हुए अंतिम विदाई दी।
पिता के गम में बेटा गुमसुम
इधर, मुक्तिधाम में जब बलिदानी प्रधान आरक्षक नीरज भार्गव को अंतिम विदाई की तैयारियां चल रही थीं, तब उनका 11 वर्षीय बेटा वंश गुमसुम इधर-उधर बस देखे जा रहा था। मानो उसकी आंखें पिता को खोज रही थीं। हालांकि, बलिदानी के भाई विकास की आंखों से आंसू बह रहे थे, तो गमजदा पड़ोसियों की आंखें भी नम थीं। हर कोई भारी मन से नीरज की शहादत का सम्मान करते हुए नजर आ रहा था।