बजट के वो साल जिन्होंने देश के आर्थिक सफर को दी एक नई दिशा

आने वाले साल के लिए कमाई और खर्चे की योजना बजट कहलाती है। जैसे घर में होता है ना कि पूरे साल के खर्च अपनी कमाई के हिसाब से तय कर लिए जाते हैं। अगर आप अपनी कमाई के हिसाब से घर का बजट बनाकर चलते हैं तो खुद को आर्थिक रूप से ज्यादा आश्वस्त महसूस करते हैं। इसके उलट जो बजट नहीं बनाते हैं, वे अक्सर कर्ज की समस्या से जूझ रहे होते हैं। यही बात देश या राज्य के मामले में भी लागू होती है। घर का बजट तो हमारे पेरेंट्स संभाल लेते हैं लेकिन देश का बजट संभालने के लिए पूरा वित्त विभाग होता है। इसके लिए पहले से तैयारी करनी पड़ती है। बड़ी मेहनत के बाद बजट तैयार होता है।
अब हम आपको देश के उन बजट के बारे में बताते हैं जिन्होंने भारत में नए आर्थिक बदलाव लाए। कोई भी देश हो, समय के साथ उसके सफर में भी बदलाव आता है । यहां हम बजट की बात कर रहे हैं तो साफ है कि देश के आर्थिक सफर में आए बदलावों की ही बात करेंगे। जानिए उन महत्वपूर्ण बजट के बारे में…….
आजाद भारत का पहला बजट ( 1947) – इस बजट की खास बात ही यह है कि यह आजादी के बाद भारत का पहला बजट था। यह पेश हुआ 26 नवंबर 1947 को। इस समय वित्त मंत्री थे, आर के षनमुखम। यह 197.3 करोड़ रुपये का था। विभाजन का दौर था तो इस बजट में पाकिस्तान से आए लोगों को बसाने के लिए बड़े कदम उठाए गए थे।
1951 का बजट – यह लोकतांत्रिक भारत का पहला बजट था क्योंकि यह पेश हुआ था 28 फरवरी 1950 को यानी कि 26 जनवरी 1950 को संविधान के लागू होने के बाद। इस समय जॉन मथाई वित्त मंत्री थे। इस बजट में नीति आयोग (उस वक्त का योजना आयोग) की स्थापना पर फैसला लिया गया। इस बजट में पहली बार बजट की विस्तृत प्रति पेश की गई थी। इनकम टैक्स में कटौती की अब तक की सबसे बड़ी घोषणा भी इसी बजट में पेश हुई।
1957 का बजट – यह बजट 15 मई 1957 को पेश हुआ। रेल टिकट पर टैक्स लगाया गया। इनकम टैक्स की दर को बढ़ाया गया। हंगरी के एक अर्थशास्त्री थे, निकोलस कैल्डोर। इन्हीं के कहने पर उस वक्त के वित्त मंत्री टीटी कृष्णामचारी ने टैक्स से जुड़े फैसले लिए।
1968 का बजट – यह बजट 29 फरवरी को पेश हुआ। बजट की खास बात थी कि वित्त मंत्री मोरार जी देसाई ऐसे एकमात्र वित्तमंत्री थे जिन्होंने अपने जन्मदिन 29 फरवरी को दो बार बजट पेश किया था। एक 1964 में और दूसरा 1968 में। इसके अलावा इस बजट में पति- पत्नी के टैक्स पेयर में छूट का ऐलान किया था।
1973 का बजट – इस बजट के पेश होने की तारीख थी, 28 फरवरी। इसमें बड़ी कंपनियों जैसे- इंश्योरेंस कंपनी, कॉपर कॉर्प्स और कोयला खदानों का राष्ट्रीयकरण किया गया था। इस वक्त देश के वित्त मंत्री थे, यशवंत राव चव्हाण।
1986 का बजट – तारीख थी, 28 फरवरी जिस दिन बजट पेश हुआ। वित्त मंत्री वी पी सिंह थे। इसमें फाइनल प्रोजेक्ट की जगह रॉ मेटेरियल पर ड्यूटी लगाने का प्रावधान किया गया था। UTI और MTNL के गठन का प्रस्ताव भी रखा गया।
1987 का बजट – 28 फरवरी। पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी वित्त मंत्री थे। खास बात यह रही कि देश में कॉरपोरेट टैक्स की शुरुआत हुई। इसका आइडिया अमेरिका से लिया गया था।
1991 का बजट – 24 जुलाई। इस समय देश के वित्त मंत्री थे पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह। उन्होंने 1994 में सर्विस टैक्स की शुरुआत की थी। 1991 में देश में उदारीकरण की भी शुरुआत की थी।