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Doctors Strike : ममता बनर्जी से बातचीत को तैयार हुए हड़ताली डॉक्टर

कोलकाता। पश्चिम बंगाल में हड़ताली डॉक्टरों और ममता बनर्जी सरकार के बीच सुलह की उम्मीद जगी है। रविवार सुबह डॉक्टरों ने ममता बनर्जी की वार्ता का ऑफर स्वीकार कर लिया है। हालांकि इससे पहले खबर थी कि डॉक्टरों ने ममता की बात मानने से इन्कार कर दिया है। डॉक्टरों ने अपनी सुरक्षा को खतरा बताते हुए कहा था कि मुख्यमंत्री खुद एनआरएस मेडिकल कॉलेज आएं और खुले में चर्चा कर गतिरोध दूर करें। केंद्र के बढ़ते दबाव के बीच ममता बनर्जी अब डॉक्टरों से मिलने जाने पर विचार कर रही थीं।

इससे पहले केंद्र सरकार ने पश्चिम बंगाल में जारी राजनीतिक हिंसा और डॉक्टरों की हड़ताल को लेकर राज्य सरकार से तत्काल अलग-अलग रिपोर्ट मांगी है। पिछले चार सालों में राज्य में राजनीतिक हिंसा में 160 से ज्यादा की मौत हो चुकी है। जबकि पिछले पांच दिनों से डॉक्टरों की हड़ताल के कारण राज्य के सरकारी अस्पतालों की व्यवस्था चरमरा गई है।

केंद्र सरकार ने जताई चिंतागृह मंत्रालय ने बंगाल सरकार को नई एडवाइजरी जारी कर कहा है कि राज्य में 2016 से 2019 तक निरंतर राजनीतिक हिंसा का दौर जारी है। यह कानून प्रवर्तन एजेंसियों की विफलता का संकेत है। ये एजेंसियां कानून का पालन कराने और लोगों में सुरक्षा का बोध कायम रखने में विफल रही हैं। भारत सरकार राज्य के मौजूदा हालातों से गंभीर रूप से चिंतित है। हिंसा के आंकड़ों का जिक्र करते हुए केंद्र ने कहा है कि राज्य में 2016 में 509 घटनाएं हुई थीं, जबकि 2018 में 1035। 2019 में भी अब तक 773 घटनाएं हो चुकी हैं। इसी तरह मौतों की संख्या भी 2016 में 36 थी जो 2018 में बढ़कर 96 हो गई और 2019 के पहले छह माह में ही 26 मौतें हो चुकी हैं।

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