ब्रेकिंग
यमुना को निर्मल बनाने, नालों की सफाई… दिल्ली जल बोर्ड करोड़ों रुपये की परियोजनाओं पर खुद लेगा निर्णय... जब अधिकारियों ने उठाई नरसिंह भगवान की फोटो… पीछे मिला लाखों का गांजा, जानें रेड की पूरी कहानी मुझे उम्मीद है कि मैं 30-40 साल तक और जीवित रहूंगा… दलाई लामा ने उत्तराधिकारी विवाद पर लगाया विराम ‘आदिवासी महिलाएं टैक्सपेयर बन रहीं…’ केंद्रीय मंत्री जुएल ओराम बोले- ऐसे प्रयासों से विकसित भारत को ... ऑपरेशन सिंदूर से लेकर जनगणना 2027 तक…जानिए कौन हैं सुमिता मिश्रा, जिन्हें सरकार ने दी बड़ी जिम्मेदार... मथुरा छोड़कर चले जाएं… हेमा मालिनी के बयान पर BJP नेता ने कसा तंज, बोले- बाहर के लोग बाहर जाएं क्या पहले ही लिखी जा चुकी थी सिवान ट्रिपल मर्डर की स्क्रिप्ट? आक्रोशित ग्रामीणों ने फूंका आरोपी का घ... कांवड़ यात्रा मार्ग पर दुकानदारों को अपनी पहचान नहीं करनी होगी सार्वजनिक, QR कोड में छिपी होगी हर जा... शराब की जगह बोतल में पानी मिलाकर बेचते थे, गाजीपुर में कैसे हुआ फर्जीवाड़ा? दो अरेस्ट किसी कीमत पर छोड़ा न जाए… पटना में बिजनेसमैन की हत्या पर पुलिस से बोले सीएम नीतीश
देश

आखिर क्यों 4 सालों में सबसे अधिक प्रदूषित रही इस बार की दीवाली

नई दिल्ली]।   यह दीवाली चार सालों में सबसे अधिक प्रदूषित रही तो इसके पीछे पटाखों के साथ ही पराली का धुआं भी अहम कारक है। मौसमी परिस्थितियां भी ऐसी रहीं कि प्रदूषक कण छट ना पाए। अगली सुबह जब मौसम ने साथ दिया तो ही स्थिति में सुधार हुआ। केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (सीपीसीबी) की रविवार देर शाम जारी तुलनात्मक रिपोर्ट में सामने आया है कि 2019 में दीवाली 27 अक्टूबर को थी। उस दौरान दिल्ली का तापमान इतना कम नहीं था और पराली जलाने का पीक टाइम भी नहीं आया था। इसके विपरीत इस साल दीवाली नवंबर के मध्य में पड़ी। इस समय पराली जलाने की घटनाएं अपने चरम पर हैं तो तापमान भी काफी कम चल रहा है।

मालूम हो कि गत दीवाली पर दिल्ली के प्रदूषण में पराली के धुएं की हिस्सेदारी सिर्फ 19 फीसद थी। वहीं इस साल दीवाली वाले दिन यह 38 और उसके अगले दिन रविवार को 32 फीसद तक रही। इसी तरह ठंड भी इस साल जल्दी आ गई और न्यूनतम तापमान भी 10 या 11 डिग्री सेल्सियस के आसपास चल रहा है। बीच-बीच में हवा भी शांत होती रही, जिसमें प्रदूषक तत्व वातावरण में जमने लगे। शनिवार को भी तापमान काफी कम था और हवा की गति धीमी थी, जो वायु प्रदूषक कणों के बिखराव को कम कर दिया। पिछले पांच सालों की तुलना में हवा की गति सबसे कम थी, यही कारण था कि प्रदूषक कणों का बिखराव इस दीवाली सबसे कम था। इस कारण दीवाली के दिन वायु प्रदूषण स्तर बहुत ज्यादा व गंभीर श्रेणी में पाया गया।

इस रिपोर्ट में दिल्ली-एनसीआर के 37 एयर क्वालिटी मॉनिटरिंग स्टेशनों की हर घंटे की निगरानी के आधार पर बताया गया है कि प्रदूषण बढ़ने का पीक टाइम दीवाली की रात 11 बजे से अगले दिन सुबह पांच बजे तक रहा। इस दौरान वायु प्रदूषण के स्तर में तेजी से वृद्धि देखने को मिली। पीएम 10 का स्तर 645 और पीएम 2.5 का स्तर 483 माइक्रोग्राम प्रति क्यूबिक मीटर तक चला गया। इसी तरह कार्बन डाईऑक्साइड और नाइट्रोजन डाईऑक्साइड जैसी गैसों के स्तर में भी इसी समयावधि के दौरान ज्यादा इजाफा देखने को मिला।

सीपीसीबी के मुताबिक, दीवाली के अगले दिन रविवार को हवा की दिशा उत्तर-पश्चिमी से बदलकर पूर्वी हो गई औैर उसकी रफ्तार भी 12 किमी तक हुई तो प्रदूषण कम होना शुरू हो गया। इसके पीछे बड़ा कारण यह भी रहा कि इस हवा के साथ पराली का धुआं नहीं आता। शाम के समय पश्चिमी विक्षोभ के असर से बारिश ने भी प्रदूषण को बढ़ने से रोकने में मदद की। सोमवार को एयर क्वालिटी इंडेक्स में और कमी देखने को मिलेगी।

Related Articles

Back to top button