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छत्तीसगढ़ में मुंगेली की जिला एवं सत्र न्यायाधीश ने सरकारी आवास में फांसी लगाकर दी जान

बिलासपुर। छत्तीसगढ़ के मुंगेली में पदस्थ जिला एवं सत्र न्यायाधीश कांता मार्टिन ने शनिवार की रात अपने सरकारी आवास में साड़ी को फांसी का फंदा बनाकर आत्महत्या कर ली। 55 वर्षीय मार्टिन अकेली रहतीं थीं। करीब डेढ़ साल पहले उनके पति की मृत्यु हो चुकी है।

मार्टिन की लाश पंखे से लटक रही थी: एसपी

रविवार सुबह जब देर तक जिला सत्र न्यायाधीश के बंगले का दरवाजा नहीं खुला तो मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट ने पुलिस को सूचना दी। इसके बाद एसपी अरविंद कुजूर मौके पर पहुंचे। खिड़की से झांककर देखने पर कांता मार्टिन की लाश पंखे से लटक रही थी।

पुलिस आत्महत्या के कारणों की जांच में जुटी, सुसाइड नोट नहीं मिला

घटना के बाद मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट, कोर्ट स्टाफ, वकील, पुलिस अधिकारी मौके पर पहुंचे। पुलिस आत्महत्या के कारणों की जांच कर रही है। मुंगेली के कोतवाली थाना प्रभारी विश्वजीत सिंह ने बताया कि घर से कोई सुसाइड नोट नहीं मिला है। वहीं उनके बेटे अंकित मार्टिन भी घटना के संबंध में कुछ नहीं बता पा रहे हैं।

जबलपुर निवासी कांता मार्टिन डेढ़ साल पहले मुंगेली में हुई थीं पदस्थ

जबलपुर निवासी कांता मार्टिन 24 मई 1994 को न्यायिक सेवा में आई थीं। वे प्रदेश के विभिन्न जिलों में सेवा करने के बाद डेढ़ साल पहले मुंगेली में जिला एवं सत्र न्यायाधीश के तौर पर पदस्थ हुई थीं।

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