अमित शाह ने राज्यसभा में पेश किया जम्मू-कश्मीर आरक्षण बिल, राष्ट्रपति शासन के लिए भी मांगा समय

जम्मू-कश्मीर में दो दिवसीय दौरे के बाद केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह जम्मू-कश्मीर की परेशानियों को खुद देखकर आए हैं जिसके बाद वे लोकसभा और राज्यसभा में जम्मू-कश्मीर के हित के लिए मुद्दे उठा रहे हैं। गृह मंत्री अमित शाह ने जम्मू कश्मीर आरक्षण संशोधन विधेयक राज्यसभा में पेश किया। आरक्षण बिल को लोकसभा से मंजूरी मिल चुकी है। अमित शाह ने अंतरराष्ट्रीय सीमा पर रह रहे लोगों की समस्याओं का जिक्र करते हुए कहा कि वास्तविक नियंत्रण रेखा, एलओसी के लोगों की समस्याओं एक जैसी हैं और उन पर भी पाकिस्तान की ओर से की जाने वाली गोलीबारी का असर होता है, ऐसे में उन लोगों को भी आरक्षण का लाभ मिलना चाहिए।
जम्मू कश्मीर में राष्ट्रपति शासन की अवधि बढ़ाने संबंधी प्रस्ताव पर बोलते हुए शाह ने कहा कि 2 जुलाई को राष्ट्रपति शासन की अवधि खत्म हो रही है। उन्होंने कहा कि 20 जून 2018 को पीडीपी सरकार के पास समर्थन न होने की वजह और फिर किसी भी पार्टी ने सरकार बनाने का दावा पेश नहीं किया गया। इसके बाद वहां 6 माह के लिए राज्यपाल शासन लगाया गया, आज अमित शाह ने राज्यसभा में भी जम्मू-कश्मीर में राष्ट्रपति साशन 6 महीने और बढ़ाने का प्रस्ताव रखा है। बता दें कि लोकसभा में भी केंद्रीय गृह मंत्री शाह ने राष्ट्रपति शासन अवधि 6 महीने और बढ़ाने का प्रस्ताव रखा है।