Union Budget 2019 for Railway : रेलवे इन्फ्रास्ट्रक्चर के लिए 50 लाख करोड़ की जरूरत, PPP मॉडल पर होगा जोरUnion Budget 2019 for Railway : रेलवे इन्फ्रास्ट्रक्चर के लिए 50 लाख करोड़ की जरूरत, PPP मॉडल पर होगा जोर

नई दिल्ली। मोदी सरकार के दूसरे कार्यकाल में वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने पहला बजट भाषण दिया। उन्होंने अपने भाषण की शुरूआत में एक शेर पढ़ा- यकीन हो तो कोई रास्ता निकलता है, हवा की ओट लेकर भी चिराग जलता है। उन्होंने मेट्रो के बढ़ाए गए ट्रैक के बारे में कहा। उन्होंने बताया कि 300 किलोमीटर नई मेट्रो लाइन को मंजूरी दी गई है। रेलवे में PPP मॉडल से निवेश पर जोर दिया जाएगा।
उन्होंने कहा कि साल 2018 से 2030 तक रेलवे इन्फ्रास्ट्रक्चर को 50 लाख करोड़ रुपए के निवेश की जरूरत होगी। इसे देखते हुए रेलवे का पूंजी परिव्यय प्रति वर्ष 1.5 से 1.6 लाख करोड़ रुपये है। सभी मंजूर परियोजनाएं पूरी करने में कई दशक लग जाएंगे।
तेजी से विकास और माल परिवहन सेवा की डिलीवरी के लिए पीपीपी का इस्तेमाल किया जाएगा। उन्होंने कहा कि रेलवे सबअर्बन में ज्यादा विकास करेगी। साथ ही मेट्रो की जो परियोजनाएं शुरू की गईं हैं, उन्हें समय पर पूरा करने पर भी ध्यान दिया जाएगा। वहीं, रेलवे स्टेशन के विकास की बात कही गई है।
वित्त मंत्री ने कहा कि हम 2022 तक डेडिकेटेड फ्रैट कोरिडोर परियोजना को पूरा कर लेंगे, जो रेल यात्रियों के लिए मौजूदा रेलवे नेटवर्कों को मुक्त रखेगी।
पेश होने वाले पहले आम बजट 2019 में भारतीय रेलवे के लिए जैसी की उम्मीद की जा रही थी, किसी नई ट्रेन की घोषणा नहीं की गई है। मगर, भारतीय रेलवे के बड़ा खाका इस बजट में खींचा जा सकता है, जिसमें रेलवे की कमाई बढ़ाने, यात्रियों को मिलने वाली सुविधाएं, सुरक्षा और निजी निवेश पर जोर दिया जाएगा।