नई दिल्ली । दिल्ली में कोरोना के कम होते मामलों के बीच देश के सबसे बड़े अस्तपाल एम्स ने अपने यहां इलाज के लिए आने वाले लाखों मरीजों को बड़ी राहत दी है। उसने अब अस्तपाल में भर्ती होने और सर्जरी से पहले होने वाले कोरोना के परीक्षण को बंद करने की घोषणा कर दी है। इससे एक अनुमान है कि यहां इलाज के लिए देश के कोने-कोने से आ रहे लाखों मरीजों को बड़ी राहत मिलेगी।
महिला को इलाज न देने पर अस्पताल को नोटिस
वहीं, दिल्ली बाल अधिकार संरक्षण आयोग (डीसीपीसीआर) ने समय से पूर्व जन्म लेने वाले नवजात को उपचार देने से मना करने पर निजी अस्पताल को नोटिस जारी किया है। आयोग के अनुसार मामला चार फरवरी का है। महिला ने नवजात को जन्म दिया था। उसे चिकित्सीय देखरेख की सख्त जरूरत थी, लेकिन अस्पताल प्रशासन ने ईडब्ल्यूएस बेड खाली न होने का हवाला देकर उसे भर्ती करने से मना कर दिया। ईडब्ल्यूएस श्रेणी वाले मरीज से दाखिला प्रक्रिया को लेकर एक लाख रुपये की मांग की गई। यह अस्पताल मालवीय नगर में है। डीसीपीसीआर ने नोटिस में अस्पताल को उस दिन की फुटेज भी जमा कराने के निर्देश दिए हैं।