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महाराष्ट्र में नहीं संभल रहे हालात, अब इस जिले में लगाना पड़ा लॉकडाउन

नई दिल्ली। महाराष्ट्र में कोरोना के मामले लगातार बढ़ रहे हैं। यहां कोरोना के बेकाबू हालात का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि दुनिया में कोरोना से सबसे ज्यादा प्रभावित 10 देशों के बाद महाराष्ट्र का ही नंबर आता है। राज्य में अब तक 25.04 लाख लोग कोरोना की चपेट में आ चुके हैं और यह देश का सबसे संक्रमित राज्य है। महाराष्ट्र के परभणी जिले में कोरोना के बढ़ते मामलों को देखते हुए 24 मार्च से 31 मार्च तक लॉकडाउन लगा दिया गया है। जिलाधिकारी दीपक मुगलीकर के अनुसार पहले नाइट कर्फ्यू लगाया था, लेकिन यह असरदार साबित नहीं हुआ।

लॉकडाउन का आदेश जिलाधिकारी की तरफ से दिया गया है। बता दें कि लॉकडाउन के दौरान किसी को भी सड़क पर निकलने पर पांबदी लगाई गई है। जिलाधिकारी के आदेश में दूसरे जिले में काम करने जाने वाले सरकारी कर्मचारियो पर भी रोक लगाई गई है

स्वास्थ्य मंत्री ने पहले ही दे दिया था संकेत

बता दें कि बीते दिन 30 हजार से ज्यादा कोरोना के नए मामले सामने आने के बाद राज्य के स्वास्थ्य मंत्री राजेश टोपे ने लॉकडाउन को लेकर अहम बयान दिया था। उन्होंने कहा था कि मुख्यमंत्री राज्य में कोरोना की स्थिति को लेकर काफी चिंतित हैं। उन्होंने लोगों से अपील की है कि वे कोरोना से बचने के लिए जिम्मेदारी से व्यवहार करें, नहीं तो सरकार को लॉकडाउन लगाना पड़ेगा। टोपे ने कहा है कि लोगों को गाइडलाइन्स का जरूर से पालन करना ही होगा।

नागपुर में पहले ही लग गया था लॉकडाउन

राज्य में मुंबई, पुणे, नागपुर में कोरोना वायरस के काफी मामले सामने आ रहे हैं। नागपुर में सोमवार को 3,596 मामले सामने आए हैं, जिसके बाद शहर में कुल मामलों की संख्या बढ़कर 1,96,676 हो गई है। वहीं, 40 और लोगों की जान गई है। कोरोना मामलों के चलते राज्य सरकार ने कई अहम फैसले भी लिए हैं। नागपुर में 31 मार्च तक लॉकडाउन लागू है। पहले यह 15 से 21 मार्च तक था, जिसे बाद में बढ़ा दिया गया। इसके अलावा, बीते शुक्रवार को थियेटर और सभागारों में आने वाले लोगों की संख्या सीमित रखने का आदेश दिया गया है। राज्य सरकार ने कहा है कि 31 मार्च तक ये 50 फीसदी क्षमता के साथ ही संचालन कर सकते हैं। प्राइवेट आफिस में भी 50 फीसदी स्टाफ को बुलाने का आदेश दिया गया है।

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