किरावली: विजयपाल के स्कूल के संस्थापक ने माला पहनाकर मेधावी व उसके परिवार को किया सम्मानित।आगरा के एक गांव में राजमिस्त्री के बेटे ने अपनी मेहनत और लगन के दम पर पहले प्रयास में ही आईआईटी का पेपर पास कर लिया है। हैरान करने वाली बात तो यह है कि जिस पढ़ाई को करने के लिए अन्य छात्रों को महंगी-महंगी कोचिंग करने के बाद भी सालों लग जाते है। उसे राजमिस्त्री के बेटे ने बिना किसी कोचिंग के पास कर क्षेत्र का नाम रोशन कराया है।मामला किरावली क्षेत्र के लोरिया गांव का है। जहां राजमिस्त्री नेत्रपाल के बेटे विजयपाल ने कड़ी मेहनत और लगन के दम पर आईआईटी की परीक्षा पास की है। विजयपाल की शुरुआती शिक्षा वानपुर स्थित चंदा देवी मंगल सिंह जूनियर हाईस्कूल से पूरी हुई थी। विद्यालय के संस्थापक गोविंद चाहर द्वारा विजयपाल को निःशुल्क नवोदय विद्यालय की पढ़ाई कराई, तो विजयपाल का 11वीं कक्षा में सेलेक्शन हो गया। उसके बाद विजयपाल ने घर पर रहकर ही, आईआईटी के एग्जाम की तैयारी की।विजयपाल के पिता है राजमिस्त्रीविजयपाल ने बताया कि उनके पापा राजमिस्त्री हैं। उनके पास इतना पैसा नही था कि वो आईआईटी की तैयारी के लिए बेटे को किसी अच्छी कोचिंग सेंटर में पढ़ाई करा सकें। इसके बाद खुद विजयपाल ने दिन- रात अपनी पढ़ाई में मेहनत की और अपना खर्चा चलाने के लिए उसने गांव के बच्चों को ट्यूशन पढ़ाना शुरू कर दिया।स्कूल संस्थापक ने माला पहनाकर विजयपाल किया सम्मानितविजयपाल ने आईआईटी के पहले अटेम्प्ट में ही 2,110वीं रैंक प्राप्त कर साबित कर दिया कि मेहनत के बल पर हर परिस्थितियों में जीत हासिल की जा सकती है। इसी पर चंदा देवी मंगल सिंह जूनियर हाईस्कूल के संस्थापक गोविंद चाहर ने विजयपाल और उसके पिता को माला पहनाकर कर सम्मानित किया।हर संभव मदद का दिया आश्वासनसाथ ही छात्र विजयपाल की सफलता को देखते हुए, हर संभव मदद करने का भरोसा दिलाया है। इस दौरान, राम किशोर चाहर, ब्रजेश चाहर, रामफल सिंह, हरेंद्र, जगपाल सिंह, वतन चाहर, अशोक, प्रदीप चाहर, उन्नति, प्रियंका, शालू, तेजवीर आदि लोग मौजूद रहे।
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