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साल के जंगलों में अब मिलेंगे आम, जामुन और सीताफल

कोंडागांव। सदियों से बस्तर के सघन वन यहां के निवासियों के जीविकोपार्जन का साधन रहा। क्षेत्र में निवास करने वाले लोग अपनी आवश्यकता की वस्तुएं वनों से प्राप्त करते रहे। बढ़ती जनसंख्या का दबाव, विभागीय अनदेखी तथा सरकार द्वारा वन अधिकार पत्र वितरण के चलते क्षेत्र से वनों का क्षेत्रफल घटता गया। वर्तमान में दक्षिण वन मंडल कोंडागांव के अंतर्गत माकड़ी रेंज में फैले विशाल वनों का क्षेत्रफल साल दर साल घटकर मात्र 27228 हेक्टेयर में सिमट चुका है।

फलदार पौधों से गुलजार होंगे

वनक्षेत्र में तेजी से घटते वनों के क्षेत्रफल को देखते हुए प्रशासन ने वन संरक्षण की दिशा में नायाब पहल करते हुए वनों के अंदर विभाग की ओर से स्थानीय प्रजाति के फलदार पौधा आम, जामुन, सीताफल आदि रोपण अभियान की शुरुआत की है, जिससे क्षेत्र का वन फिर से गुलजार हो सके।

माकड़ी के रेंज अधिकारी पीआर नायक ने बताया कि रेंज में लगभग 33 हजार पौधारोपण का लक्ष्य पूर्ण हुआ है। साथ ही विभाग की ओर से स्थानीय निवासियों को सब्जियों बरबटी, सेम आदि बीजों का वितरण किया जा रहा है जिससे वनों के साथ-साथ किसान की बाड़ियों में भी रौनक लौटेगी। 11 जुलाई को वन परिक्षेत्र माकड़ी अंतर्गत आने वाले वनों में इमली, आम, सीताफल, बेल, महुआ आदि पौधों का रोपण हुआ

वनों से मिलने वाले साल, महुआ, तेंदूपत्ता आदि वनोपजों के साथ साथ स्थानीय वनवासियों के लिये वन को आय का जरिया बनाने व वन संरक्षण के उद्देश्य से फलदार पौधरोपण किया जा रहा है।

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